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Up Kiran, Digital Desk: हिमाचल प्रदेश इस मानसून में प्रकृति के भीषण कहर का सामना कर रहा है। बादल फटने, अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) और भयावह भूस्खलन की घटनाओं ने पूरे राज्य में तबाही मचा दी है। इन प्राकृतिक आपदाओं में अब तक 70 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

राज्य के विभिन्न हिस्सों से दिल दहला देने वाली तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनमें सड़कें, पुल और घर पानी के तेज़ बहाव में बहते या भूस्खलन में समाते दिख रहे हैं। भारी बारिश के कारण नदियाँ उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कई पर्यटक और स्थानीय लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं, और बचाव अभियान लगातार जारी है।

राज्य सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें बचाव और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और फंसे हुए लोगों तक मदद पहुंचाई जा रही है। हालांकि, लगातार बारिश और भूस्खलन बचाव कार्यों में बाधा डाल रहे हैं।

मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और केंद्र सरकार से हर संभव मदद का आग्रह किया है। यह मानसून हिमाचल प्रदेश के लिए विनाशकारी साबित हुआ है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और राज्य के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। आने वाले दिनों में भी मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।

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