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Up Kiran, Digital Desk: एक माँ बनना किसी भी महिला के लिए दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास होता है। इस नए सफर में, सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है अपने नन्हे मेहमान की सेहत का ख्याल रखना। और इसकी शुरुआत होती है ब्रेस्टफीडिंग यानी स्तनपान से। लेकिन क्या आप जानती हैं कि आप जो कुछ भी खाती हैं, उसका सीधा असर आपके बच्चे के पोषण पर पड़ता है?

आपका आहार सिर्फ आपकी सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि आपके बच्चे के सही विकास के लिए भी बेहद जरूरी है। माँ के दूध में बच्चे के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, और इन पोषक तत्वों की क्वालिटी आपके खान-पान पर ही निर्भर करती है। तो चलिए, आज जानते हैं कि इस खास समय में आपकी थाली कैसी होनी चाहिए।

क्यों जरूरी है सही खान-पान: स्तनपान कराने वाली माँ को आम दिनों से ज्यादा कैलोरी और पोषण की जरूरत होती है। आप जो खाती हैं, वही पोषक तत्व दूध के जरिए आपके बच्चे तक पहुंचते हैं। एक संतुलित और पौष्टिक आहार न केवल दूध की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाता है, बल्कि यह आपके बच्चे की इम्यूनिटी को मजबूत करने, उसके दिमाग का विकास करने और उसे स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।

अमृत समान हैं ये चीजें, डाइट में जरूर शामिल करें (Foods to Include)

प्रोटीन से भरपूर चीजें: दालें, पनीर, अंडे, चिकन, और दही जैसी चीजें प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं। यह आपके शरीर की रिकवरी में भी मदद करते हैं और दूध के उत्पादन को भी बढ़ाते हैं।

हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, मेथी, और बथुआ जैसी सब्जियों में आयरन, कैल्शियम और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं, जो माँ और बच्चे दोनों के लिए जरूरी हैं।

फल और सलाद: अपनी डाइट में मौसमी फल जैसे सेब, केला, संतरा और अनार जरूर शामिल करें। ये आपको एनर्जी देते हैं और जरूरी विटामिन्स की पूर्ति करते हैं।

साबुत अनाज: दलिया, ओट्स, ब्राउन राइस और साबुत अनाज की रोटी खाने से आपको लगातार एनर्जी मिलती है और आपका पेट भी ठीक रहता है।

ड्राई फ्रूट्स और बीज: बादाम, अखरोट, और चिया सीड्स ओमेगा-3 फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो बच्चे के दिमागी विकास के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं।

खूब पानी पिएं: सबसे जरूरी बात! दिन भर में कम से कम 10-12 गिलास पानी जरूर पिएं। यह आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और दूध बनाने में मदद करता है।

इन चीजों से बना लें थोड़ी दूरी (Foods to Avoid/Limit)

बहुत ज्यादा मसालेदार और तला-भुना खाना: ऐसा खाना पचाने में मुश्किल हो सकता है और कभी-कभी इससे बच्चे को गैस या पेट दर्द की समस्या हो सकती है।

प्रोसेस्ड और जंक फूड: पिज्जा, बर्गर और पैकेट वाले फूड्स में कोई पोषण नहीं होता, इसलिए इनसे जितना हो सके दूर रहें।

कैफीन और अल्कोहल: चाय, कॉफी का सेवन सीमित मात्रा में करें। दिन में एक या दो कप से ज्यादा न पिएं। अल्कोहल से पूरी तरह दूर रहना ही सबसे बेहतर है।

हाई-मरकरी वाली मछली: कुछ समुद्री मछलियों में मरकरी की मात्रा अधिक होती है, जो बच्चे के नर्वस सिस्टम के लिए हानिकारक हो सकती है।

आखिर में, सबसे महत्वपूर्ण सलाह यह है कि हर माँ और बच्चे का शरीर अलग होता है। इसलिए, अपनी डाइट में कोई भी बड़ा बदलाव करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या किसी अच्छे पोषण विशेषज्ञ (nutritionist) से सलाह जरूर लें। याद रखिए, एक स्वस्थ और खुश माँ ही एक स्वस्थ बच्चे की नींव होती है।