Up kiran,Digital Desk : बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए माता-पिता क्या कुछ नहीं करते। लेकिन क्या हो जब कोई भरोसेमंद टीचर ही इस सपने को एक बुरे ख्वाब में बदल दे? देहरादून में एक मर्चेंट नेवी अफसर के परिवार के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
एक टीचर ने ऐसे बिछाया जाल
कहानी शुरू होती है दून इंटरनेशनल स्कूल से। यहां पढ़ने वाली 12वीं की एक छात्रा को उसी के स्कूल का टीचर, रविंद्र सैनी, घर पर ट्यूशन पढ़ाने आता था। एक दिन उसने लड़की के परिवार को एक सपना दिखाया - कि वो अपनी राजनीतिक पहुँच का इस्तेमाल करके उनकी बेटी का एडमिशन सीधे IIT रुड़की में करवा सकता है, वो भी मिनिस्ट्री कोटे से!
इसके लिए उसने 22 लाख रुपये का खर्चा बताया। बेटी के भविष्य के लिए परिवार ने भरोसा कर लिया और उसे अलग-अलग किस्तों में करीब 17 लाख 80 हज़ार रुपये दे दिए। पैसे लेने के बाद टीचर और उसका साथी, जिसे वो बड़ा राजनीतिक आदमी बताता था, गायब हो गए। न तो एडमिशन हुआ और न ही उनके फोन लगे।
जब मांगे पैसे वापस, तो कहानी ने लिया खतरनाक मोड़
जब परिवार को ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने टीचर से अपने पैसे वापस मांगे और कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। बस यहीं से मामला पूरी तरह पलट गया। अब मैदान में उतरी टीचर की पत्नी सिद्धि कपूर।
आरोप है कि मामला सुलझाने की जगह, सिद्धि ने अफसर को ही फंसाने का एक खतरनाक प्लान बनाया। उसने अफसर को हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की और उल्टा उन्हीं से एक करोड़ रुपये की मांग करने लगी। हद तो तब हो गई जब उसने परिवार को डराने के लिए दिल्ली के एक पुलिस थाने में अफसर के खिलाफ़ झूठा केस दर्ज कराने की भी कोशिश की।
अब पुलिस करेगी इंसाफ
इस धोखेधड़ी और ब्लैकमेलिंग से तंग आकर अफसर की पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने आरोपी टीचर रविंद्र सैनी, उसकी पत्नी सिद्धि कपूर और उनके साथी राजेश कुमार के खिलाफ़ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
यह मामला दिखाता है कि किसी पर भी, खासकर जब बच्चों के भविष्य का सवाल हो, तो आंख मूंदकर भरोसा करना कितना भारी पड़ सकता है।
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