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Up Kiran, Digital Desk: 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुस्लिम प्रतिनिधित्व में भारी गिरावट देखी गई। इस बार केवल 11 मुस्लिम विधायक चुने गए हैं, जबकि पिछली विधानसभा में यह संख्या 19 थी। 2015 में मुस्लिम विधायक संख्या 24 थी। यह गिरावट राज्य की राजनीतिक दिशा और समुदाय के बदलते मत व्यवहार को दर्शाती है।

विभिन्न पार्टियों में मुस्लिम प्रतिनिधित्व

एआईएमआईएम ने 23 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे और 5 सीटें जीतकर अधिकतर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सफलता हासिल की। राजद ने 18 मुस्लिम उम्मीदवारों में से 3 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने 10 उम्मीदवारों में से 2 सीटें प्राप्त की। जद(यू) ने 4 उम्मीदवारों में से 1 सीट पर जीत हासिल की। सीपीआई(एम), बहुजन समाज पार्टी और जन सुराज पार्टी ने भी मुस्लिम उम्मीदवार उतारे, लेकिन कोई जीत नहीं पाया।

प्रमुख विजेता और करीबी मुकाबले

मुस्लिम विधायक सूची में चैनपुर से मोहम्मद ज़मा खान (जद(यू)), ढाका से फैसल रहमान (राजद), बिस्फी से आसिफ अहमद (राजद), रघुनाथपुर से ओसामा शाहब (राजद), अररिया से आबिदुर रहमान (कांग्रेस), किशनगंज से मोहम्मद कमरुल होदा (कांग्रेस), और एआईएमआईएम के मोहम्मद मुर्शीद आलम, अख्तरुल ईमान, मोहम्मद तौसीफ आलम, मोहम्मद सरवर आलम, गुलाम सरवर शामिल हैं।

सबसे दिलचस्प मुकाबला बलरामपुर में देखा गया, जहां एआईएमआईएम के आदिल हसन भाजपा से केवल 389 वोटों से हार गए। यह परिणाम यह दर्शाता है कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम वोटरों की निष्ठा अब कई पार्टियों में बंट रही है।

मतदान और चुनावी आंकड़े

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में हुआ, जिसमें 66.91 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। एनडीए गठबंधन ने कुल 202 सीटें जीतीं। भाजपा 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि जद(यू) ने 85 और लोक जनशक्ति पार्टी ने 19 सीटें जीतीं। विपक्षी गठबंधन (राजद और कांग्रेस) को केवल 35 सीटें मिलीं। एआईएमआईएम को कुल 5 सीटों पर सफलता मिली।