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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्र सरकार में गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली में एक बड़ी बैठक की अगुवाई करने जा रहे हैं। यह बैठक भारतीय जनता पार्टी की बिहार कोर कमेटी के साथ हो रही है, जहां चुनावी तैयारियों और रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि यह चुनाव अक्टूबर या नवंबर में हो सकते हैं, हालांकि चुनाव आयोग की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है।

एनडीए फिर मैदान में, विपक्ष भी तैयार

राज्य में सत्ता बचाने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रहा है। इसमें भाजपा के साथ जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी भी शामिल हैं। दूसरी तरफ, राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों के गठबंधन वाला इंडिया ब्लॉक भी जोर-शोर से मैदान में उतरने की योजना बना रहा है। दोनों ही पक्षों की नजरें साफ हैं — बिहार की सत्ता पर कब्जा बरकरार रखने या उसे पलटने की।

विधानसभा का मौजूदा गणित

फिलहाल बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, जिनमें एनडीए के पास 131 सीटें हैं। इसमें भाजपा के 80, जद(यू) के 45, हम(एस) के 4 और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन शामिल है। वहीं विपक्षी इंडिया ब्लॉक के पास कुल 111 सीटें हैं। इनमें राजद के 77, कांग्रेस के 19 और बाकी सीटें वामपंथी दलों के पास हैं।

'मतदाता अधिकार यात्रा' के बाद की सियासी हलचल

यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चली ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ हाल ही में समाप्त हुई है। इस यात्रा का उद्देश्य बिहार में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाना था। पटना में 1 सितंबर को इसका समापन हुआ, और इसके बाद अब एनडीए की रणनीति पर नजरें टिकी हैं।