Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना कांग्रेस की जिला अध्यक्ष नयनी राजेंद्र रेड्डी ने हाल ही में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेताओं पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने बीआरएस नेताओं द्वारा कांग्रेस सरकार की '6 गारंटियों' को पूरा करने में विफलता संबंधी 'आधारहीन टिप्पणियों' को सिरे से खारिज कर दिया। नयनी ने बीआरएस नेताओं, विशेष रूप से हरीश राव और के. कविता को, गांवों का दौरा करने और यह देखने की चुनौती दी कि क्या कांग्रेस सरकार अपने वादे पूरे कर रही है या नहीं।
नयनी राजेंद्र रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस सरकार चरणबद्ध तरीके से अपनी सभी 'छह गारंटियों' को लागू कर रही है, जिसमें 'रायथु भरोसा' और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा जैसी 'महालक्ष्मी योजना' भी शामिल है। उन्होंने जोर देकर कहा कि महालक्ष्मी योजना पहले ही सफल रही है और इसने राज्य भर की लाखों महिलाओं को लाभान्वित किया है।
उन्होंने बीआरएस नेताओं, जैसे हरीश राव, पर आरोप लगाया कि जब वे पिछले 10 सालों से सत्ता में थे, तब उन्होंने अपने ही चुनावी वादे पूरे नहीं किए। नयनी ने याद दिलाया कि बीआरएस ने किसानों के लिए 1 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने और डबल बेडरूम घरों के निर्माण का वादा किया था, लेकिन उन वादों को पूरा करने में विफल रही। उन्होंने यह भी पूछा कि 10 लाख नौकरियों का वादा क्यों नहीं पूरा किया गया और क्यों सरकारी कर्मचारियों के लिए पीआरसी (वेतन संशोधन आयोग) लागू नहीं किया गया।
नयनी ने बीआरएस शासन के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार, जैसे कालेश्वरम परियोजना और फार्मा सिटी घोटाले का भी जिक्र किया। उन्होंने बीआरएस नेताओं को "बेशर्म" और "पाखंडी" कहा और उन्हें सलाह दी कि दूसरों पर आरोप लगाने से पहले वे खुद के शासनकाल का "आत्मनिरीक्षण" करें।
कांग्रेस नेता ने बीआरएस नेताओं को कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए विकास और कल्याणकारी उपायों पर सार्वजनिक बहस के लिए भी आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि बीआरएस नेता केवल सत्ता गंवाने के कारण निराश हैं और इसी वजह से वे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। नयनी के इस बयान से तेलंगाना की राजनीति में गर्माहट साफ देखी जा सकती है, जहां सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी बीआरएस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
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