
Up Kiran, Digital Desk: पूर्वोत्तर भारत के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। आजादी के 75 साल बाद, मिजोरम की राजधानी आइजोल आखिरकार भारतीय रेलवे के नक्शे पर आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-साइरांग रेलवे लाइन का उद्घाटन कर राज्य को एक नई सौगात दी। इस लाइन को "बदलाव की जीवन रेखा" बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परियोजना न केवल मिजोरम, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विकास के नए दरवाजे खोलेगी।
अब दिल्ली दूर नहीं: इस महत्वपूर्ण मौके पर, पीएम मोदी ने साइरांग स्टेशन से दिल्ली के आनंद विहार तक चलने वाली पहली राजधानी एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई। अब मिजोरम से देश की राजधानी का सफर आसान और तेज हो जाएगा। इसके साथ ही कोलकाता और गुवाहाटी के लिए भी नई ट्रेन सेवाओं की शुरुआत की गई है, जिससे राज्य के लोगों के लिए यात्रा के बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे। सड़क मार्ग से जहां पहले आइजोल पहुंचने में दस घंटे लगते थे, वहीं अब ट्रेन से यह दूरी महज तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी।
इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना
लगभग 5,021 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह रेलवे लाइन पहाड़ों और गहरी घाटियों के बीच से गुजरती है, जो इसे इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना बनाती है। इस परियोजना में 48 सुरंगें और 55 बड़े पुल शामिल हैं।इनमें से एक पुल (ब्रिज नंबर 196) की ऊंचाई 114 मीटर है, जो दिल्ली के कुतुब मीनार से भी 42 मीटर ज्यादा ऊंचा है।
व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यह नई रेल लाइन सिर्फ यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि व्यापार के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। कल यानी 14 सितंबर से यहां मालगाड़ी सेवाएं भी शुरू हो जाएंगी। इससे सीमेंट, स्टील और दूसरे जरूरी सामानों की ढुलाई सस्ती होगी, जिसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा।
इसके अलावा, मिजोरम के किसानों के लिए अपने फल, फूल और सब्जियों को देश के दूसरे हिस्सों में भेजना आसान हो जाएगा, जिससे उनकी आय बढ़ेगी। उम्मीद की जा रही है कि इस बेहतर कनेक्टिविटी से राज्य में पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।