
Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना में, जब एक तरफ सरकार द्वारा नई नियुक्तियों की घोषणा की जा रही है, वहीं दूसरी ओर लंबे समय से सेवा दे रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारी अपनी दुर्दशा पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने यह जानने की मांग की है कि पिछली सरकार द्वारा किए गए वादों के बावजूद उन्हें नियमित (regularize) क्यों नहीं किया जा रहा है।
तेलंगाना मेडिकल कॉन्ट्रैक्ट एंड आउटसोर्सिंग एंप्लॉयीज ज्वाइंट एक्शन कमेटी (TMCOEJAC) ने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने दावा किया है कि राज्य में मेडिकल और स्वास्थ्य विभाग में लगभग 11,000 आउटसोर्सिंग कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें से कई ने 20 साल से अधिक समय तक सेवा की है। इन कर्मचारियों में नर्स, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, डाटा एंट्री ऑपरेटर और अन्य सहायक कर्मचारी शामिल हैं।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संयोजक जक्कल दशरथ और को-कन्वीनर वी. नरासिम्हा राव ने बताया कि टीएमसीओईजेएसी ने अपनी मांगों के समर्थन में राज्य भर के मंत्रियों, विधायकों और एमएलसी को ज्ञापन सौंपे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पिछली बीआरएस (BRS) सरकार ने उन्हें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा करने में विफल रही।
दशरथ ने आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार भी इन कर्मचारियों के प्रति उदासीनता दिखा रही है, जो नई सरकार द्वारा 'मेगा डीएससी' (Mega DSC) के तहत शिक्षक पदों की घोषणा के बाद सामने आया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नियमित करने से सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि वे पहले से ही निर्धारित वेतन पर काम कर रहे हैं।
कर्मचारियों का तर्क है कि नई नियुक्तियाँ करने से पहले, सरकार को उन कर्मचारियों को प्राथमिकता देनी चाहिए जो पहले से ही सिस्टम में काम कर रहे हैं और जिनके पास पर्याप्त अनुभव है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अपने अधिकारों के लिए आगे विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह मुद्दा राज्य में रोजगार और सरकारी नीतियों को लेकर बढ़ते असंतोष को दर्शाता है।
--Advertisement--