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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों (Urban Local Bodies - ULBs) में नगर प्रमुखों (civic chiefs) की प्रतिनियुक्ति (deputation) के लिए एक नई नियमावली और मानदंड (new norms) पेश किए हैं। यह कदम राज्य के शहरी प्रशासन में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इन नए नियमों के तहत, अब अधिकारियों की तैनाती और उनके कार्यकाल को लेकर अधिक स्पष्टता और स्थिरता लाई जाएगी। इसका सीधा अर्थ यह है कि अब नगर आयुक्तों या अन्य शहरी प्रमुखों को मनमाने ढंग से या बार-बार ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा, जिससे उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में दीर्घकालिक विकास परियोजनाओं पर बेहतर ढंग से ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा।

नए नियमों के मुख्य बिंदु 
निश्चित कार्यकाल: अधिकारियों को एक निर्धारित अवधि के लिए प्रतिनियुक्त किया जाना, ताकि वे परियोजनाओं को पूरा कर सकें।

अनुभव और योग्यता: यह सुनिश्चित करना कि प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने वाले अधिकारियों के पास शहरी प्रशासन और विकास का पर्याप्त अनुभव हो।

पारदर्शिता: प्रतिनियुक्ति प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना।

प्रदर्शन आधारित: अधिकारियों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी तैनाती और मूल्यांकन करना।

यह फैसला आंध्र प्रदेश के शहरी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार का मानना है कि इन बदलावों से शहरी निकायों का कामकाज और अधिक प्रभावी बनेगा, जिससे नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। पहले, अधिकारियों के बार-बार तबादले से परियोजनाओं में देरी और प्रशासनिक अस्थिरता की समस्या आती थी, जिसे नए नियमों से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

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