
Up Kiran, Digital Desk: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के मेगा ऑक्शन को लेकर रोमांच अभी से बढ़ गया है। टीमों की रणनीतियों और खिलाड़ियों के भविष्य के बीच, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) एक ऐसा नया नियम लाने जा रहा है जो ऑक्शन का पूरा खेल बदल सकता है। इस नए नियम का नाम है- 'साइलेंट टाई-ब्रेकर'।
क्या है यह 'साइलेंट टाई-ब्रेकर' नियम?
अब तक, जब दो टीमें किसी खिलाड़ी के लिए एक समान बोली पर आकर अटक जाती थीं, तो उनके बीच बोली का युद्ध (bidding war) तब तक चलता था, जब तक एक टीम पीछे नहीं हट जाती। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
नए नियम के अनुसार, अगर दो टीमें किसी खिलाड़ी के लिए एक ही रकम पर आकर रुक जाती हैं और कोई भी आगे बोली नहीं लगाना चाहता, तो 'साइलेंट टाई-ब्रेकर' का इस्तेमाल होगा। इसमें दोनों टीमों को एक बंद लिफाफे में अपनी अंतिम और गुप्त बोली लिखकर देनी होगी। जिस भी टीम की गुप्त बोली ज़्यादा होगी, वह खिलाड़ी उसी टीम का हो जाएगा। जीतने वाली टीम को अपनी गुप्त बोली वाली राशि का ही भुगतान करना होगा।
क्यों लाया गया यह नियम?
इस नियम का मकसद ऑक्शन प्रक्रिया को और भी ज़्यादा रोमांचक और रणनीतिक बनाना है। इससे टीमों को न सिर्फ पैसे खर्च करने होंगे, बल्कि दिमागी तौर पर भी यह सोचना होगा कि सामने वाली टीम उस खिलाड़ी के लिए अधिकतम कितनी कीमत चुका सकती है।
इसके अलावा, रिटेन किए जाने वाले खिलाड़ियों की संख्या को लेकर भी चर्चा गरम है। ज्यादातर फ्रेंचाइजी 3 खिलाड़ियों को रिटेन करने और 1 'राइट टू मैच' (RTM) कार्ड के पक्ष में हैं। BCCI जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लेगा, जिसके बाद मेगा ऑक्शन की तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।
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