
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पिछले साल हुई हिंसा को लेकर आज एक अहम दिन है। समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क आज संभल हिंसा मामले में विशेष जांच दल (SIT) के सामने पेश हुए हैं। यह वही मामला है जिसमें 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई थी और बर्क पर इस हिंसा को भड़काने के गंभीर आरोप लगाए गए थे।
SIT ने भेजा था समन, दिल्ली में दी गई थी सूचना
बर्क को इस पूछताछ के लिए SIT ने 25 मार्च को समन भेजा था। उस वक्त वह दिल्ली के वेस्टर्न कोर्ट गेस्ट हाउस के कमरे नंबर 39 में ठहरे हुए थे। उन्हें वहीं नोटिस सौंपा गया था, जिसके बाद अब वह तय तारीख पर SIT के समक्ष पेश हुए हैं। इससे पहले वह स्थानीय कोतवाली भी पहुंचे थे और अब उनसे आधिकारिक तौर पर पूछताछ हो रही है।
हिंसा का पृष्ठभूमि: कोर्ट के आदेश पर पहुंची थी ASI की टीम
24 नवंबर को ASI की टीम जब कोर्ट के निर्देशानुसार एक धार्मिक स्थल का सर्वे करने पहुंची, तभी वहां पर विवाद की स्थिति बनी और हालात बेकाबू हो गए। देखते ही देखते हिंसा फैल गई, जिसमें पांच लोगों की जान चली गई। इस घटना ने न सिर्फ पूरे संभल को दहला दिया, बल्कि प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए।
बर्क पर गंभीर आरोप, लेकिन गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक
इस हिंसा से दो दिन पहले बर्क ने संभल की जामा मस्जिद में एक भाषण दिया था, जिसे लेकर दावा किया गया कि यह भाषण लोगों को भड़काने वाला था। इसी के चलते उनके खिलाफ 25 नवंबर को FIR दर्ज की गई थी। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, जिससे उन्हें कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन FIR रद्द नहीं की गई है।
मुख्य आरोपी के तौर पर जांच के घेरे में बर्क
SIT की जांच में जियाउर्रहमान बर्क को इस मामले में मुख्य आरोपी माना गया है। उनके खिलाफ दर्ज FIR में हिंसा के लिए लोगों को उकसाने के आरोप शामिल हैं। SIT अब उनसे इसी सिलसिले में सवाल-जवाब कर रही है। माना जा रहा है कि आज की पूछताछ से हिंसा की पृष्ठभूमि और बर्क की भूमिका को लेकर कई अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं।
राजनीतिक हलचल और कानून व्यवस्था की चुनौती
बर्क समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी इस मामले में संलिप्तता से राजनीतिक हलकों में भी हलचल है। एक तरफ प्रशासन इस मामले की गहन जांच कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उनके समर्थक इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रहे हैं। हालांकि, SIT की जांच निष्पक्षता के साथ आगे बढ़ रही है और सभी तथ्यों को जुटाने की कोशिश की जा रही है।
आगे क्या होगा?
अब सबकी नजर इस बात पर है कि SIT की पूछताछ में बर्क क्या बयान देते हैं और जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है। क्या SIT के पास उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत होंगे या वह किसी प्रकार की क्लीन चिट पाएंगे? फिलहाल इस पूरे मामले पर प्रशासन और राजनीतिक गलियारे दोनों ही नजर बनाए हुए हैं।