Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन न सिर्फ क्षेत्रीय बुनियादी ढाँचे का एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा, बल्कि यह राज्य के विकास के लिए भी एक नई दिशा का संकेत है। जेवर स्थित यह हवाई अड्डा, भारत के सबसे बड़े ग्रीन-फील्ड विमानन केंद्रों में से एक बनने जा रहा है। यह परियोजना विशेष रूप से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत विकसित की गई है, जिसमें राज्य सरकार की सक्रिय भूमिका है।
उद्घाटन की तारीख पर संशय
जहाँ एक ओर अधिकारियों ने 30 अक्टूबर को उद्घाटन की संभावना जताई थी, वहीं अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हाल ही में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने यह घोषणा की थी कि उद्घाटन के 45 दिनों के भीतर, 10 प्रमुख शहरों के लिए फ्लाइट्स शुरू कर दी जाएँगी। इनमें बेंगलुरु, मुंबई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहर शामिल होंगे। इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ उड़ान सेवाएँ शुरू करने के लिए वार्ता जारी है।
कनेक्टिविटी पर विशेष जोर
यह हवाई अड्डा यमुना एक्सप्रेसवे कॉरिडोर के पास स्थित है, जो राजधानी दिल्ली से सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। सड़क, मेट्रो और रैपिड रेल लिंक की योजनाएँ पहले ही लागू की जा चुकी हैं, जिससे यात्रियों के लिए यहाँ पहुंचना आसान हो जाएगा। इसके अलावा, कार्गो संचालन भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादों और निर्यात की प्रक्रिया को नया आकार मिलेगा।
योगी सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह परियोजना राज्य सरकार की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। यह न केवल उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करेगा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में राज्य की महत्ता को भी बढ़ाएगा। जेवर हवाई अड्डे के द्वारा क्षेत्रीय विकास को नए आयाम मिलेंगे और राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में गति आएगी।
इस परियोजना से न सिर्फ रोजगार के अवसर सृजित होंगे, बल्कि ग्रेटर नोएडा-जेवर क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों में भी तेज़ी आएगी। इसके साथ ही, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दबाव कम होगा, जिससे विमानन क्षेत्र के संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा।
निर्माण में टाटा प्रोजेक्ट्स की भूमिका
इस परियोजना को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) द्वारा लागू किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार की 37.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और YEIDA की भी हिस्सेदारी है। टाटा प्रोजेक्ट्स ने इस बड़े निर्माण कार्य को संभाला है, जिसमें टर्मिनल, रनवे, एयरसाइड इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़कें और अन्य सहायक सुविधाओं का निर्माण शामिल है।
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