Up Kiran, Digital Desk: भारत में गरीबी एक बहुत बड़ी सच्चाई है, लेकिन एक राज्य इस सच्चाई को बदलने की कगार पर है. केरल, जिसे "भगवान का अपना देश" भी कहा जाता है, भारत का पहला 'अत्यधिक गरीबी मुक्त' राज्य बनने की तैयारी में है. यह एक ऐसी खबर है जो न केवल केरल के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है.
लेकिन जब हम 'गरीबी मुक्त' होने की बात करते हैं, तो इसका मतलब क्या होता है? और यह 'गरीबी रेखा' (Poverty Line) आखिर है क्या, जिसके नीचे रहने वालों को गरीब कहा जाता है? चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं.
गरीबी रेखा क्या होती है? (What is Poverty Line?)
सीधे शब्दों में कहें तो, गरीबी रेखा सरकार द्वारा तय की गई आय (Income) की एक निचली सीमा है. यह माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति इस सीमा से कम कमाता है, तो वह अपनी बुनियादी जरूरतें जैसे- दो वक्त का भोजन, सिर पर छत और तन ढकने के लिए कपड़े, पूरी नहीं कर सकता.
इसे ऐसे समझिए कि यह एक लाइन है, जिसके ऊपर रहने वाले लोग अपनी बेसिक जरूरतें पूरी कर पा रहे हैं, और जो इसके नीचे रह जाते हैं, उन्हें 'गरीब' माना जाता है. यह रेखा शहरों और गांवों के लिए अलग-अलग होती है, क्योंकि दोनों जगहों पर रहने का खर्च भी अलग-अलग होता है.
कैसे तय होती है यह रेखा: भारत में समय-समय पर अलग-अलग समितियों ने इस रेखा को तय करने के तरीके बताए हैं. पहले यह कैलोरी के आधार पर तय होती थी, यानी एक व्यक्ति को दिनभर में कितनी ऊर्जा की जरूरत है. लेकिन बाद में तेंदुलकर समिति और रंगराजन समिति जैसी कमेटियों ने इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और दूसरी जरूरतों पर होने वाले खर्च को भी शामिल किया.
केरल ने ऐसा क्या किया: केरल सरकार ने अत्यधिक गरीबी को खत्म करने के लिए एक खास योजना बनाई. उन्होंने राज्य में 64,006 ऐसे परिवारों की पहचान की जो सबसे ज्यादा गरीब थे. फिर, हर परिवार के लिए उनकी जरूरतों के हिसाब से एक माइक्रो-प्लान बनाया गया. किसी को स्वास्थ्य सेवाएं दी गईं, किसी को भोजन और किसी को रहने के लिए सुरक्षित जगह.
सरकार का लक्ष्य था कि इन सभी परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया जाए, और अब वे इस लक्ष्य को लगभग पूरा कर चुके हैं.
पूरी दुनिया में गरीबी को मापने के लिए विश्व बैंक ने भी एक अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा तय की है, जो 2.15 डॉलर प्रति दिन (लगभग 180 रुपये) है. केरल का यह कदम दिखाता है कि अगर सही योजना और इच्छाशक्ति हो, तो गरीबी जैसी बड़ी चुनौती को भी हराया जा सकता है. यह बाकी राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा है.
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