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 Kiran, Digital Desk: आजकल हममें से ज़्यादातर लोग सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स का इस्तेमाल करते हैं। हममें से कई लोगों के पुराने अकाउंट्स ऐसे ही पड़े रहते हैं, जिनका इस्तेमाल नहीं होता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका वो 'इनएक्टिव डेटा' (inactive user data) भी कंपनियों के पास पड़ा रहता है, और ये डेटा कितना संवेदनशील हो सकता है? अब एक बहुत बड़ी ख़बर आई है, जिसके बाद ऐसा नहीं चलेगा! डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट के तहत, अब ई-कॉमर्स और सोशल मीडिया कंपनियों को अपने यूज़र्स का 'इनएक्टिव डेटा' 3 साल बाद हटाना ही होगा! यह उन सभी के लिए अच्छी खबर है जो अपनी प्राइवेसी को लेकर चिंतित रहते हैं।

दरअसल, यह नियम सीधे तौर पर आपकी ऑनलाइन प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा से जुड़ा है। अब तक कई कंपनियाँ उन यूज़र्स का डेटा भी अपने पास रखती थीं, जो लंबे समय से उनके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर रहे होते थे। इस डेटा का कई तरह से गलत इस्तेमाल हो सकता था, जैसे- विज्ञापन के लिए, डेटा बेचने के लिए या साइबर हमलों का शिकार होने पर। DPDP एक्ट का मकसद लोगों के डिजिटल डेटा को सुरक्षित करना और उन्हें अपने डेटा पर ज़्यादा कंट्रोल देना है।

क्या कहता है DPDP एक्ट और यह आपकी प्राइवेसी के लिए क्यों अहम है?

DPDP एक्ट में साफ कहा गया है कि किसी भी यूज़र का डेटा 'बिना काम' का होने पर या उसकी उपयोगिता ख़त्म हो जाने पर कंपनी को उसे डिलीट करना होगा। 'इनएक्टिव डेटा' (वो डेटा जिसका इस्तेमाल 3 साल से नहीं हुआ) इसी श्रेणी में आएगा।

आपकी प्राइवेसी मज़बूत होगी: जब आपका पुराना डेटा डिलीट हो जाएगा, तो ऑनलाइन धोखाधड़ी, पहचान की चोरी (identity theft) और अवांछित विज्ञापनों का खतरा कम हो जाएगा।

कंपनियों पर बढ़ेगा दबाव: यह कानून कंपनियों पर दबाव डालेगा कि वे केवल वही डेटा स्टोर करें जिसकी उन्हें वास्तव में ज़रूरत है, और लंबे समय तक अनावश्यक डेटा न रखें।

सुरक्षित ऑनलाइन अनुभव: अब आपको यह जानकर थोड़ी शांति मिलेगी कि आपकी पुरानी जानकारी बेवजह कंपनियों के सर्वर पर पड़ी नहीं रहेगी।

यह नया नियम, 3 साल बाद इनएक्टिव यूज़र डेटा को अनिवार्य रूप से हटाने की बात कहता है, भारत में डिजिटल राइट्स के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा और प्रगतिशील कदम है। यह हमारे ऑनलाइन जीवन को और सुरक्षित बनाने के साथ-साथ कंपनियों को भी अपनी डेटा मैनेजमेंट प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए मजबूर करेगा। तो, अपनी प्राइवेसी को हल्के में मत लीजिए, यह नियम आपकी मदद करने के लिए बनाया गया है!

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