
Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश सरकार प्रॉपर्टी से जुड़े फर्जीवाड़े को रोकने और वेरिफिकेशन प्रक्रिया को और भी आसान व पारदर्शी बनाने के लिए एक नई और अनोखी पहल शुरू करने जा रही है। जल्द ही, यूपी में प्रॉपर्टी की जांच-पड़ताल का तरीका बदलने वाला है, क्योंकि सरकार प्रॉपर्टी वेरिफिकेशन के लिए QR कोड आधारित सिस्टम लॉन्च करने की तैयारी में है।
क्या है यह नई व्यवस्था?
इस नई व्यवस्था के तहत, हर प्रॉपर्टी को एक यूनिक QR कोड दिया जाएगा। इस QR कोड में उस प्रॉपर्टी से जुड़ी सारी ज़रूरी जानकारी डिजिटल रूप में सेव होगी, जैसे कि मालिकाना हक, उसका इतिहास, उसका एरिया और अन्य महत्वपूर्ण विवरण। जब भी कोई प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना चाहेगा, तो वह अपने स्मार्टफोन से उस QR कोड को स्कैन करके आसानी से प्रॉपर्टी की सारी जानकारी और उसकी सत्यता की जांच कर सकेगा।
क्यों उठाया जा रहा है यह कदम?
इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रॉपर्टी से जुड़े फ्रॉड (धोखाधड़ी) को रोकना है। अक्सर प्रॉपर्टी के कागजात में हेरफेर या गलत जानकारी के कारण लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। QR कोड आधारित सिस्टम से यह सुनिश्चित होगा कि प्रॉपर्टी की जानकारी में कोई छेड़छाड़ न हो सके और खरीदार को बिल्कुल सही और सत्यापित जानकारी मिले। यह प्रक्रिया सरकारी रिकॉर्ड को भी और अधिक सुरक्षित बनाएगी।
नागरिकों को क्या होगा फायदा?
आसान सत्यापन: अब आपको प्रॉपर्टी के कागजात की लंबी-चौड़ी जांच करने की ज़रूरत नहीं होगी। सिर्फ QR कोड स्कैन करके आप सारी जानकारी पा सकेंगे।
पारदर्शिता: पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, जिससे खरीदार और विक्रेता दोनों को सुविधा होगी।
धोखाधड़ी पर लगाम: प्रॉपर्टी के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े कम होंगे।
समय की बचत: वेरिफिकेशन में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा।
यह पहल उत्तर प्रदेश को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो प्रॉपर्टी खरीदारों और विक्रेताओं के लिए बहुत मददगार साबित होगी।
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