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वॉशिंगटन से आई एक नई रिपोर्ट ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगा दी है। अमेरिका में जल्द ही ऐसा क्लिनिकल परीक्षण होने जा रहा है जिसमें जीन-संशोधित सूअर के लिवर को इंसानों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। खास बात यह है कि इस ट्रायल को अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) से मंजूरी मिल चुकी है।

क्या है ट्रायल का उद्देश्य

इस ट्रायल का मकसद उन मरीजों को जीवनदान देना है, जिनका लिवर अचानक काम करना बंद कर देता है और उनके पास इलाज के सीमित विकल्प होते हैं। क्लिनिकल ट्रायल में सूअर के लिवर को सीधे ट्रांसप्लांट नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे मरीज के शरीर से बाहर एक प्रणाली में जोड़ा जाएगा जिससे वह कुछ समय के लिए इंसानी लिवर की मदद कर सके।

ईजेनेसिस कंपनी कर रही परीक्षण की तैयारी

इस परीक्षण को अंजाम दे रही है मैसाचुसेट्स स्थित बायोटेक कंपनी ईजेनेसिस, जो जीन एडिटिंग तकनीक के जरिये सूअरों के अंगों को इंसानों के अनुकूल बनाने की दिशा में काम कर रही है। कंपनी के सीईओ माइक कर्टिस ने बताया कि चार शवों पर की गई जांच में यह सामने आया कि सूअर का लिवर कम से कम दो से तीन दिन तक मानव शरीर में लिवर की जगह काम कर सकता है।

क्लिनिकल ट्रायल में 20 मरीज होंगे शामिल

इस प्रयोग के पहले चरण में 20 मरीजों को शामिल किया जाएगा, जिनके लिवर ने अचानक काम करना बंद कर दिया है और जिनके पास ट्रांसप्लांट का कोई अन्य विकल्प नहीं है। परीक्षण में सूअर का लिवर एक बाहरी सिस्टम में लगाया जाएगा, जो इंसानी रक्त को फिल्टर करेगा और विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करेगा।

अमेरिका में हर साल 35,000 लोग होते हैं प्रभावित

अमेरिकी स्वास्थ्य आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 35,000 लोग अचानक लिवर फेल होने की वजह से अस्पतालों में भर्ती होते हैं। ऐसे मरीजों की मृत्यु दर 50 प्रतिशत तक होती है, क्योंकि अधिकतर को समय पर उपयुक्त डोनर नहीं मिल पाता।

चीन में पहले ही हो चुका है प्रयोग

इस विषय को लेकर चर्चा इसलिए भी तेज है क्योंकि हाल ही में चीन के डॉक्टरों ने एक ब्रेन डेड मरीज में सूअर का लिवर ट्रांसप्लांट कर इसे सफल बताया था। हालांकि अमेरिका में यह प्रक्रिया थोड़ी अलग होगी, जहां लिवर को अस्थायी रूप से शरीर से बाहर जोड़ा जाएगा ताकि यह समय मिलने तक मरीज की जान बचा सके।

क्या बदल सकते हैं हालात?

अगर यह परीक्षण सफल रहता है तो यह ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इससे न केवल लाखों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं, बल्कि लिवर डोनर की कमी की समस्या भी काफी हद तक हल हो सकती है।

इस प्रोजेक्ट की सफलता पर दुनिया की नज़रें टिकी हैं, और आने वाले दिनों में यह इंसानी जीवन को बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।