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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण अध्ययन ने मोटापा (बॉडी मास इंडेक्स - BMI) और स्तन कैंसर के जोखिम के बीच एक चौंकाने वाला संबंध उजागर किया है। इस शोध से पता चला है कि उच्च BMI वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, खासकर उन महिलाओं में जिन्हें पहले से हृदय रोग (Heart Disease) है। यह अध्ययन मोटापे और कैंसर के बीच के जटिल संबंध को और गहराई से समझाता है।

शोध के अनुसार, हृदय रोग से पीड़ित महिलाओं में, जिनका BMI भी अधिक है, उनमें स्तन कैंसर विकसित होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। यह जानकारी उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिन्हें पहले से ही दो गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

अध्ययन के मुख्य बिंदु और निहितार्थ:

दोहरी चुनौती: यह शोध बताता है कि हृदय रोग और मोटापा मिलकर स्तन कैंसर के जोखिम को और बढ़ा सकते हैं, जिससे एक 'दोहरी चुनौती' पैदा होती है।

हार्मोनल परिवर्तन: उच्च BMI शरीर में हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से एस्ट्रोजन के स्तर को, जो स्तन कैंसर के विकास से जुड़ा हुआ है।

सूजन और इंसुलिन प्रतिरोध: मोटापा शरीर में पुरानी सूजन और इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाता है, ये दोनों ही कैंसर के विकास में भूमिका निभा सकते हैं।

रोकथाम पर जोर: यह अध्ययन मोटापे के प्रबंधन और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के महत्व पर फिर से ज़ोर देता है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिन्हें हृदय रोग है।

यह शोध चिकित्सा समुदाय और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है। अब डॉक्टरों को हृदय रोग से पीड़ित महिलाओं के BMI पर अधिक ध्यान देना होगा और उन्हें स्तन कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए वजन प्रबंधन और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक करना होगा। यह अध्ययन बताता है कि विभिन्न बीमारियों के बीच संबंध जटिल होते हैं और समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना महत्वपूर्ण है

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