
Up Kiran, Digital Desk: सोशल मीडिया खोलते ही हमें पतले, फिट और 'परफेक्ट' बॉडी वाले लोग दिखते हैं. उन्हें देखकर हमें भी लगता है कि काश हम भी ऐसे दिख सकते. और फिर शुरू होता है जल्दी से जल्दी वजन घटाने का सिलसिला, जिसके लिए हम अक्सर इंटरनेट पर चल रही 'ट्रेंडी डाइट्स' का सहारा लेते हैं. कीटो (Keto), इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting), जूस क्लींज (Juice Cleanse), या ऐसी ही कोई और फैशनेबल डाइट... नाम कोई भी हो, मकसद एक ही होता है - फटाफट रिजल्ट पाना.
हम पतले हो भी जाते हैं, कपड़े भी फिट आने लगते हैं. लेकिन इस दिखावे की दुनिया के पीछे एक कड़वा और डरावना सच छिपा है, जिसे ये डाइट्स आपको कभी नहीं बतातीं - आप वजन के साथ-साथ अपनी हड्डियों की ताकत भी खो रहे होते हैं.
क्यों हैं ये डाइट्स हड्डियों की सबसे बड़ी दुश्मन?
इनमें से ज़्यादातर ट्रेंडी डाइट्स का एक ही फंडा होता है - किसी एक या दो पूरे फूड ग्रुप को अपनी ज़िंदगी से निकाल देना. कोई कहता है कार्ब्स मत खाओ, कोई कहता है फैट छोड़ दो, तो कोई कहता है सिर्फ जूस पियो.
यहीं पर सबसे बड़ी गलती होती है. जब आप अपनी डाइट से डेयरी प्रोडक्ट्स, अनाज, या दालें हटाते हैं, तो आप अनजाने में अपनी हड्डियों के लिए सबसे ज़रूरी पोषक तत्वों को भी 'बाय-बाय' कह देते हैं:
कैल्शियम: हड्डियों का सबसे बड़ा बिल्डिंग ब्लॉक, जो अक्सर डेयरी उत्पादों से मिलता है.
विटामिन डी: जो कैल्शियम को शरीर में सोखने में मदद करता है.
प्रोटीन: जो हड्डियों के स्ट्रक्चर को मज़बूत बनाता है.
मैग्नीशियम और फॉस्फोरस: ये भी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी हैं.
हमारी हड्डियां एक 'बैंक अकाउंट' की तरह हैं
इसे ऐसे समझिए: 30 साल की उम्र तक हम अपनी हड्डियों के 'बैंक' में कैल्शियम जमा करते हैं. यही हमारी 'जीवन भर की पूंजी' है. 30 के बाद, हमारा शरीर इस बैंक से धीरे-धीरे कैल्शियम निकालना शुरू कर देता है.
अब सोचिए, अगर आपने जवानी में ट्रेंडी डाइट्स के चक्कर में इस बैंक में कुछ जमा ही नहीं किया, या बहुत कम जमा किया, तो 40-50 की उम्र के बाद क्या होगा? आपका बैंक अकाउंट खाली हो जाएगा. हड्डियां इतनी कमज़ोर और खोखली हो जाएंगी कि हल्का सा गिरने या टकराने पर भी फ्रैक्चर हो सकता है. इसी स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) कहते हैं.
दिखावे पर न जाएं, अंदर की मज़बूती को पहचानें
बाहर से फिट और पतले दिखने का यह मतलब नहीं है कि आप अंदर से भी स्वस्थ हैं. हड्डियों का कमज़ोर होना एक ख़ामोश प्रक्रिया है. इसका पता तब तक नहीं चलता जब तक बहुत देर नहीं हो जाती.
तो फिर सही रास्ता क्या है? वजन घटाना गलत नहीं है, लेकिन उसका तरीका सही होना चाहिए.
बैलेंस्ड डाइट अपनाएं: किसी भी फूड ग्रुप को पूरी तरह हटाएं नहीं. अपनी प्लेट को इंद्रधनुष की तरह सजाएं - जिसमें हरी सब्जियां, फल, दालें, अनाज, और दूध-दही सब कुछ शामिल हो.
धूप में बैठें: विटामिन डी का सबसे अच्छा और मुफ़्त स्रोत सूरज की रोशनी है. रोज़ सुबह 15-20 मिनट धूप में ज़रूर बैठें.
नियमित व्यायाम करें: पैदल चलना, दौड़ना, डांस करना, या सीढ़ियां चढ़ना जैसी वेट-बेयरिंग एक्सरसाइज आपकी हड्डियों को मज़बूत बनाती हैं.