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Up Kiran, Digital Desk: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हाल ही में घोषणा की है कि उनका राज्य तेजी से 'पेपरलेस गवर्नेंस' (कागज़-मुक्त शासन) की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह घोषणा राज्य को आधुनिक, कुशल और पारदर्शी प्रशासन की ओर ले जाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल तकनीक का उपयोग कर शासन को अधिक सुलभ और नागरिक-केंद्रित बनाया जा रहा है। 'पेपरलेस गवर्नेंस' का अर्थ है कि सरकारी कामकाज में कागजी दस्तावेज़ों का उपयोग कम करना और उनकी जगह डिजिटल रिकॉर्ड्स, ऑनलाइन प्रक्रियाओं और ई-गवर्नेंस सेवाओं को अपनाना।

इस पहल से कई फायदे होंगे। सबसे पहले, यह सरकारी कामकाज में लगने वाले समय को कम करेगा, जिससे कार्यकुशलता बढ़ेगी। दूसरा, यह भ्रष्टाचार को कम करने में मदद करेगा, क्योंकि सभी प्रक्रियाएँ ऑनलाइन और पारदर्शी होंगी। तीसरा, यह पर्यावरण के लिए भी बहुत फायदेमंद है, क्योंकि कागज़ का उपयोग कम होने से पेड़ों की कटाई पर भी रोक लगेगी।

नवीन पटनायक ने बताया कि ओडिशा सरकार विभिन्न विभागों में डिजिटल तकनीकों को लागू करने पर जोर दे रही है, जिससे नागरिकों को घर बैठे ही कई सरकारी सेवाओं का लाभ मिल सके। यह कदम 'डिजिटल इंडिया' के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी ओडिशा की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 

राज्य का यह प्रयास न केवल प्रशासन को आधुनिक बनाएगा, बल्कि नागरिकों के लिए सरकारी सेवाओं को भी और अधिक सुविधाजनक बनाएगा।

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