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२४ जुलाई २०२५ को, थाईलैंड और कंबोडिया की सेनाओं के बीच पुराने विवादित सीमा क्षेत्र प्रसात ता मुअन थॉम के पास झड़प छिड़ गई। थाई सेना के अनुसार, कंबोडियाई सैनिकों ने ड्रोन के माध्यम से सीमा पार छापा मारने के बाद फायरिंग शुरू की, जिस पर थाई सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की।

नागरिकों का नुकसान

थाई अधिकारियों के अनुसार, कंबोडियाई फायरिंग में कम से कम एक थाई नागरिक की मौत और तीन लोग घायल हो गए, जिनमें एक पांच साल का बच्चा भी शामिल है। शव-स्थल पर मौजूद क्षेत्रवासियों का कहना है कि जब गोलाबारी शुरू हुई, तो लोग घबरा कर बंकरों में भागे।

थाईलैंड की प्रतिक्रिया

थाई सेना ने कंबोडियाई ठिकानों पर एफ‑१६ लड़ाकू विमानों से हवाई हमला किया। साथ ही सीमा के सभी पेचेकपॉइंट्स को बंद कर दिया गया और लगभग ४०,००० नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।

कंबोडिया की प्रतिक्रिया

कंबोडियाई सेना का कहना है कि थाई सैनिकों ने पहले हमला किया और वे सिर्फ अपनी क्षेत्रीय रक्षा कर रहे थे। कंबोडियाई प्रधान मंत्री हुन मनेट ने आरोप लगाया कि थाई के हमलों ने “समाज व क्षेत्र की संप्रभुता” का उल्लंघन किया है।

राजनयिक नरमी का टूटना

इधर, दोनों देशों ने अपने राजदूतों को वापस बुलाया और सीमा पोस्टों को स्थायी रूप से बंद कर दिया  । इसे पहले २३ जुलाई को, थाई सैनिकों द्वारा माइन विस्फोट में पैर गंवाने वाले एक जवान की घटना का विरोध माना जा रहा है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

यह झड़प उस विवाद का नवीनतम दौर है जो २०२५ की मई में शुरू हुआ था, जब इसी सीमा क्षेत्र में एक कंबोडियाई सैनिक की गोलीबारी में मौत हुई थी; तब दोनों सेनाओं में भीषण फायरिंग हुई थी  । इस क्षेत्र का इतिहास २००८ और २०११ की झड़पों तक जाता है, जो प्रेहि विएयर मंदिर से जुड़े विवादों पर आधारित थे।
 

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