
Up Kiran, Digital Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा से तनाव भरा रिश्ता रहा है। आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर जैसे मुद्दे सालों से दोनों देशों के संबंधों में खटास घोलते रहे हैं। लेकिन हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के नाम से भारत ने जो करारा जवाब दिया, उसने पाकिस्तान को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस बड़ी सैन्य कार्रवाई के बाद, अब पाकिस्तान अचानक भारत से "संवाद" (बातचीत) की भीख मांग रहा है, जिसे कई लोग 'डैमेज कंट्रोल मोड' मान रहे हैं।
क्या हुआ था 'ऑपरेशन सिंदूर' में?
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए एक भीषण आतंकी हमले ने 26 जानें ले ली थीं। इस हमले के जवाब में, भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया। यह एक सटीक सैन्य हमला था, जिसका लक्ष्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में छिपे आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करना था। भारतीय सेना के इस ऑपरेशन ने आतंकी बुनियादी ढाँचे को भारी नुक़सान पहुँचाया।
जवाब में पाकिस्तान ने 8 से 10 मई के बीच कुछ जवाबी हवाई हमले करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सशस्त्र बलों ने उन्हें तुरंत नाकाम कर दिया और पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर लक्षित पलटवार किया। चार दिन के इस टकराव का अंत 10 मई को आपसी डी-एस्केलेशन के साथ हुआ। विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की सीमित सफलता और बढ़ते वैश्विक अलगाव ने उसे बातचीत का आह्वान करने पर मजबूर कर दिया।
पाकिस्तान क्यों कर रहा है अब 'बातचीत' की अपील?
पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा, "पाकिस्तान बातचीत के लिए भीख नहीं माँगेगा," लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इस्लामाबाद "सभी लंबित मुद्दों, जिसमें जम्मू-कश्मीर विवाद भी शामिल है," पर बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने अपनी सेना की ताकत भी गिनाई और भारत को किसी भी 'उकसावे' का पूरा जवाब देने की धमकी दी।
अंतरराष्ट्रीय दबाव: वैश्विक समुदाय, खासकर अमेरिका, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश, भारत के आतंकवाद विरोधी अभियानों का समर्थन कर रहे हैं और पाकिस्तान से अपनी धरती पर सक्रिय आतंकी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का आग्रह कर रहे हैं।
आर्थिक और कूटनीतिक झटका: संघर्ष के बाद भारत ने इस्लामाबाद से अपने राजनयिक संबंध घटा दिए, सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित कर दिया और सभी द्विपक्षीय व्यापार भी रोक दिया। इन कदमों ने पाकिस्तान को आर्थिक और कूटनीतिक रूप से और अलग-थलग कर दिया है।
भारत का रुख एकदम साफ़ है। भारतीय अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि जब तक पाकिस्तान अपने 'आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र' (terror ecosystem) को ख़त्म नहीं करता और अवैध रूप से कब्ज़े वाले भारतीय क्षेत्र (PoK) को खाली नहीं करता, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी।
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