Up Kiran, Digital Desk: एक समय था जब बैंक की लाइन में लगना, सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटना और हर छोटे-मोटे काम के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहना हमारी जिंदगी का हिस्सा था। लेकिन पिछले 10 सालों में भारत ने एक ऐसी डिजिटल छलांग लगाई है, जिसने न सिर्फ आम आदमी की जिंदगी को आसान बनाया है, बल्कि पूरी दुनिया को हैरान भी कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी डिजिटल बदलाव की बात करते हुए कहा कि आज भारत टेक्नोलॉजी को अपनाने में दुनिया के बड़े-बड़े देशों को टक्कर दे रहा है और यह तो अभी सिर्फ शुरुआत है।
वो 'त्रिमूर्ति' जिसने सब कुछ बदल दिया
इस क्रांति की शुरुआत हुई JAM ट्रिनिटी (जन धन - आधार - मोबाइल) से। यह एक ऐसी 'त्रिमूर्ति' थी जिसने देश की तस्वीर बदल दी:
जन धन: 55 करोड़ से ज़्यादा बैंक खाते खोले गए, जिससे करोड़ों लोग पहली बार बैंकिंग सिस्टम से जुड़े।
आधार: हर व्यक्ति को एक डिजिटल पहचान मिली।
मोबाइल: हर हाथ में मोबाइल फोन ने इस क्रांति को घर-घर तक पहुंचा दिया।
इसका सबसे बड़ा फायदा क्या हुआ? ओडिशा के एक छोटे से गाँव की एक अकेली माँ की कहानी इसे सबसे अच्छे से समझाती है। पहली बार, सरकार से मिलने वाली मदद बिना किसी बिचौलिए के सीधे उसके बैंक खाते में आई। यह कहानी आज भारत के करोड़ों लोगों की कहानी है।
UPI का जादू: जब सब्जी वाले के हाथ में भी आ गया 'डिजिटल गल्ला'
JAM ने जो नींव रखी थी, उस पर UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने एक शानदार इमारत खड़ी कर दी। जो UPI दोस्तों को पैसे भेजने का एक नया तरीका बनकर आया था, वह देखते ही देखते छोटे कारोबारियों, रेहड़ी-पटरी वालों और सब्जी बेचने वालों की लाइफलाइन बन गया।
आज भारत में हर महीने 17 अरब से ज़्यादा UPI ट्रांजैक्शन होते हैं। एक साधारण QR कोड ने हर मोबाइल को बटुए में बदल दिया है।
किसानों से लेकर कारोबार तक: हर जगह डिजिटल क्रांति
यह बदलाव सिर्फ यहीं तक नहीं रुका। GeM (गवर्नमेंट-ई-मार्केटप्लेस) ने छोटे कारोबारियों को सीधे सरकार को अपना माल बेचने का मौका दिया, तो वहीं e-NAM (राष्ट्रीय कृषि बाजार) ने किसानों को अपनी फसल का बेहतर दाम दिलाने के लिए एक ऑनलाइन मंडी बना दी।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश साफ है - यह सिर्फ टेक्नोलॉजी का विकास नहीं है, यह एक पूरी पीढ़ी का रूपांतरण है। यह उस नए भारत की कहानी है, जहाँ बिचौलियों के लिए कोई जगह नहीं है और हर रुपया सीधे उसके हकदार तक पहुँचता है।




