
Up Kiran, Digital Desk: स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को "दोहरी दिवाली" का एक शानदार तोहफा देते हुए 'नेक्स्ट-जेन जीएसटी' (Next-Gen GST) के लागू होने की घोषणा की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस नई प्रणाली के तहत आम घरेलू वस्तुओं पर लगने वाले करों में भारी कटौती की जाएगी, जिससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी।
'नेक्स्ट-जेन जीएसटी' और 'दोहरी दिवाली' का क्या है मतलब?
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में कहा कि सरकार 'नेक्स्ट-जेन जीएसटी' की दिशा में काम कर रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य करों को और कम करके आम आदमी की जेब पर बोझ घटाना है।उन्होंने कहा कि यह 'दोहरी दिवाली' होगी, क्योंकि जहां एक ओर पूरा देश 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा, वहीं दूसरी ओर करों में कमी से लोगों के पास त्योहारों को मनाने के लिए अधिक पैसा उपलब्ध होगा।
आम आदमी को मिलेगी बड़ी राहत
करों में कटौती का यह कदम अर्थव्यवस्था को गति देने और आम आदमी को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। इससे लोगों की खरीद क्षमता बढ़ेगी, जिसका सीधा असर मांग और उत्पादन पर पड़ेगा। यह छोटे व्यापारियों और मध्यम वर्ग के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो हमेशा से करों के बोझ को कम करने की मांग करते रहे हैं।
अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का लक्ष्य
सरकार का मानना है कि करों में कमी से न केवल लोगों को तत्काल राहत मिलेगी, बल्कि यह 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी सहायक सिद्ध होगा। जब लोगों के पास अधिक क्रय शक्ति होगी, तो वे अधिक खर्च करेंगे, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
हालांकि 'नेक्स्ट-जेन जीएसटी' के तहत किन-किन वस्तुओं पर कितनी कटौती होगी, इसका विस्तृत विवरण अभी जारी नहीं किया गया है, लेकिन प्रधानमंत्री के इस बयान से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में कर प्रणाली में आम आदमी के लिए सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।
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