
Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की संयुक्त राज्य अमेरिका की संभावित दूसरी यात्रा ने पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों और विशेषकर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार में नई हलचल पैदा कर दी है. अगर यह यात्रा होती है, तो यह दर्शाता है कि पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व का प्रभाव न केवल आंतरिक बल्कि बाहरी संबंधों में भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे नागरिक सरकार की भूमिका पर सवाल उठ सकते हैं.
सूत्रों के अनुसार, आसिम मुनीर को अपनी अमेरिकी यात्रा के लिए औपचारिक निमंत्रण मिल चुका है. उनकी संभावित यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब पाकिस्तान गंभीर आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है. सेना प्रमुख की पहली यात्रा के दौरान, उन्होंने अमेरिकी रक्षा और विदेश विभाग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी, जहाँ आर्थिक सहायता और सैन्य सहयोग पर चर्चा हुई थी. इस दूसरी यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को और मजबूत करना और क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर समन्वय बढ़ाना हो सकता है.
पाकिस्तान में यह आम धारणा है कि सेना का देश की विदेश नीति और आंतरिक मामलों में महत्वपूर्ण हस्तक्षेप रहता है. आसिम मुनीर की अमेरिकी यात्रा, खासकर इतनी जल्दी दूसरी बार, इस बात की पुष्टि करती है कि अमेरिका भी पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व को ही मुख्य वार्ताकार मानता है. यह स्थिति शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली नागरिक सरकार के लिए असहज हो सकती है, क्योंकि यह उनके अधिकार और प्रभाव को कमतर दिखा सकती है.
हाल ही में, अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के प्रमुख एडमिरल ब्रैड कूपर ने भी पाकिस्तान का दौरा किया था और सेना प्रमुख आसिम मुनीर से मुलाकात की थी. इस मुलाकात का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना और आतंकवाद विरोधी प्रयासों पर चर्चा करना था. अमेरिका के लिए पाकिस्तान का सैन्य नेतृत्व क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भागीदार है. पाकिस्तान के वर्तमान राजनीतिक संकट और आर्थिक चुनौतियों के बीच, अमेरिका के साथ मजबूत सैन्य संबंध पाकिस्तान के लिए एक स्थिर स्तंभ के रूप में देखे जा रहे हैं, भले ही इसका मतलब नागरिक सरकार की भूमिका का गौण होना ही क्यों न हो.
--Advertisement--