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Up Kiran , Digital Desk: जहाँ एक तरफ भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनाव अपने चरम पर है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। इस बार यह झटका न किसी मिसाइल से आया है और न ही किसी सीमा पार हमले से, बल्कि यह झटका आया है शब्दों से — एक ऐसी घोषणा जिसने न सिर्फ पाकिस्तान के कान खड़े कर दिए हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें भी खींच ली हैं। बलूच लेखक मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा दावा करते हुए बलूचिस्तान को आजाद घोषित कर दिया है।

उनकी यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब पाकिस्तान के भीतर भी राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में बलूचिस्तान की ओर से स्वतंत्रता का ऐलान पाकिस्तान की एकता पर सीधा सवाल खड़ा करता है।

बलूचिस्तान ने मांगी आज़ादी की पहचान

बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान के भीतर एक असंतुष्ट क्षेत्र के रूप में जाना जाता रहा है, अब खुलकर अपनी स्वतंत्रता की मांग कर रहा है। मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने आधिकारिक पोस्ट में स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान का पतन निकट है। हमने अपनी स्वतंत्रता का दावा किया है और अब हम भारत से अनुरोध करते हैं कि वह दिल्ली में बलूचिस्तान का दूतावास खोलने की अनुमति दे।

इस बयान ने न केवल पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है बल्कि यह भारत और पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक बड़ी कूटनीतिक चुनौती बन सकता है।

भारत से क्या है मांग

मीर यार बलूच ने भारत से दो महत्वपूर्ण मांगें की हैं कि पहली दिल्ली में बलूचिस्तान का आधिकारिक कार्यालय और दूतावास खोलने की अनुमति। दूसरी भारत की ओर से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता को समर्थन।

ये मांग भारत के लिए न सिर्फ रणनीतिक स्तर पर अहम हो सकती है बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ उसकी विदेश नीति में एक निर्णायक मोड़ भी बन सकती है।

भारत ने अब तक इस घोषणा पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, मगर यदि यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र तक जाता है, तो भारत की भूमिका केंद्र में आ सकती है।

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