Up Kiran Digital Desk: मंगलवार का दिन पाकिस्तान के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। एक तरफ जहां भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच उनका भारत विरोधी राग न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बंद कमरे में हुई बैठक में बुरी तरह पिट गया, वहीं दूसरी तरफ उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी खरी-खरी सुनने को मिली।
दरअसल, पाकिस्तान ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने की संभावना पर अपनी चिंताएं UNSC के सामने रखी थीं। हालांकि, इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय लेने के बजाय, बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। हैरानी की बात यह रही कि बैठक के बाद भाग लेने वाले किसी भी सदस्य देश की ओर से कोई आधिकारिक बयान तक जारी नहीं किया गया।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। सूत्रों की मानें तो UNSC के सदस्य देशों ने इस अनौपचारिक सत्र में पाकिस्तान को जमकर घेरा। उन्होंने पाकिस्तान के "झूठे आरोपों" को सिरे से खारिज कर दिया। इतना ही नहीं, सदस्य देशों ने पाकिस्तान से यह भी पूछा कि क्या आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले में कोई हाथ है। इस कायराना हमले की कड़ी निंदा की गई और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
सूत्रों ने आगे बताया कि कुछ सदस्य देशों ने तो विशेष रूप से धार्मिक आस्था के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाए जाने के मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की। कई सदस्यों ने पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षणों और परमाणु हथियारों को लेकर दिए जा रहे बयानों को भी क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाला कारक बताया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उछालकर भारत पर दबाव बनाने की पाकिस्तान की कोशिश भी पूरी तरह से विफल रही। सदस्य देशों ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से सलाह दी कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से ही अपने मुद्दों को सुलझाए।




