Up kiran,Digital Desk : शुक्रवार की सुबह दिल्ली वालों के लिए कोई 'गुड मॉर्निंग' लेकर नहीं आई, बल्कि अपने साथ लाई धुंध की एक मोटी चादर, हवा में घुला ज़हर और आंखों में जलन का एहसास। राजधानी की हवा एक बार फिर 'बहुत खराब' हो चुकी है और आंकड़े 348 AQI तक जा पहुंचे हैं, जो यह बताने के लिए काफी हैं कि दिल्ली में सांस लेना कितना खतरनाक हो चुका है।
कहां, कितना है ज़हर?
आनंद विहार और अक्षरधाम जैसे इलाकों का तो हाल और भी बेहाल है, जहां AQI 348 पर टिका हुआ है। यह वो स्तर है जहां स्वस्थ इंसान को भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इंडिया गेट पर यह 267 रहा, जो थोड़ा बेहतर है, पर अभी भी 'खराब' श्रेणी में ही है।
बीच-बीच में चली तेज़ हवाओं ने थोड़ी राहत ज़रूर दी, लेकिन यह राहत ऊंट के मुंह में जीरे जैसी ही साबित हुई। ज़हरीली धुंध का कहर बना हुआ है और नोएडा (308), गाजियाबाद (302) समेत पूरा NCR इसकी चपेट में है।
यह सिर्फ खांसी नहीं, कैंसर का डर है!
यह ज़हरीली हवा सिर्फ खांसी-जुकाम और आंखों में जलन तक ही सीमित नहीं है। इसके नतीजे अब जानलेवा साबित हो रहे हैं, और इस पर अब सियासत भी शुरू हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस ने ICMR की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिल्ली की AAP और केंद्र की BJP सरकार को घेरा है।
- चौंकाने वाले आंकड़े: रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में दिल्ली में कैंसर के 28,387 नए मामले सामने आए, जो पिछले सालों से कहीं ज़्यादा हैं।
- कांग्रेस का आरोप: प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा है कि दोनों सरकारें दिल्ली वालों को कैंसर के इलाज की आधुनिक सुविधाएं देने में फेल रही हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी लापरवाही के चलते दिल्ली में कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों की नकली दवाएं खुलेआम बिक रही हैं, जो मौत का सामान हैं।
एक्सपर्ट्स भी मान रहे हैं कि दिल्ली का प्रदूषण, धूल, तनाव और खराब लाइफस्टाइल कैंसर के बढ़ते खतरे की सबसे बड़ी वजह हैं।
तो क्या कुछ हो भी रहा है? - सरकार का 'मिस्ट स्प्रे' प्लान
इस ज़हरीले धुएं और सियासत के बीच, सवाल उठता है कि आखिर हो क्या रहा है? दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से लड़ने के लिए एक नया तरीका निकाला है।
अब दिल्ली के बिजली के खंभों पर 305 'मिस्ट स्प्रे सिस्टम' लगाए जा रहे हैं।
यह सिस्टम एक फव्वारे की तरह काम करेगा, जो हवा में पानी की बारीक फुहारें छोड़ेगा। इससे हवा में घुले ज़हरीले कण (PM2.5 और PM10) भारी होकर ज़मीन पर बैठ जाएंगे और हवा थोड़ी साफ हो जाएगी। इसकी शुरुआत आईटीओ (ITO) जैसे 9 सबसे प्रदूषित इलाकों से की जा रही है।
मुख्यमंत्री की दिल्ली वालों से अपील
मुख्यमंत्री ने दिल्ली वालों से भी इस लड़ाई में साथ देने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि MCD 311 ऐप का इस्तेमाल करें और कहीं भी कूड़ा जलने, सड़क पर धूल उड़ने या गड्ढे दिखने पर उसकी फोटो खींचकर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि 72 घंटे के अंदर उस पर कार्रवाई होगी।
फिलहाल, दिल्ली के लोग थोड़ी राहत और साफ हवा के लिए तरस रहे हैं, और उम्मीद कर रहे हैं कि ये सरकारी योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर नहीं, बल्कि ज़मीन पर भी असर दिखाएं।
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