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सचिन पायलट के गढ़ को फतह करने के लिए पीएम मोदी उनके गढ़ में निरंतर सभाएं करने में जुटे हैं और इसकी शुरुआत जयपुर ग्रामीण सीट से हुई। दरअसल चार सीटें ऐसी है जिसे सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है। 

शुरुआत हालांकि जयपुर ग्रामीण सीट से हुई। जयपुर ग्रामीण सीट पर अनिल चोपड़ा मैदान में उतरे। वो कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर और सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं। सचिन पायलट की जनसभाओं में कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ चलते हैं और यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुंकार भरी और सभाओं की शुरुआत करी।

फिर उसके बाद नरेंद्र मोदी दौसा जाते हैं दौसा में उनकी सभा होती है। दौसा में मुरारीलाल मीणा जो कि सचिन पायलट गुट से आते हैं। सचिन पायलट मुरारीलाल मीणा के लिए प्रचार प्रसार करने में लगे थे। हालांकि यहां पर इन दोनों की प्रतिष्ठा का सवाल भी खड़ा हो जाता है तो इस सीट पर मीणा वोटर साधने के लिए निरंतर प्रधानमंत्री की ओर से सभा की गई। कई केंद्रीय नेतृत्व भी राजस्थान के प्रदेश के मंत्री भी यहां पर सभा कर चुके हैं।

बात कर लेते हैं अजमेर सीट की। अजमेर सीट भी सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है। क्योंकि जब विधानसभा चुनाव के समय सचिन पायलट को सीडब्ल्यूसी का सदस्य बनाया गया था, उस वक्त सचिन पायलट ने टोंक में सभा की। ब्यावर में सभा की। माना जा रहा था कि सचिन पायलट अजमेर से भी मैदान में उतर सकते हैं, मगर सचिन पायलट ने टोंक से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की निरंतर सचिन पायलट वहां भी सक्रिय रहे।

मगर आज जिस तरह टोंक सवाईमाधोपुर सीट पर नरेंद्र मोदी ने फिर सभा की और एक हुंकार भरी। कई मुद्दों को भुनाने की कोशिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई। ये सीट भी सचिन पायलट का गढ़ मानी जाती है।

आपको बता दें यहां से हरीश मीणा वो भी सचिन पायलट गुट से आते हैं और निरंतर सचिन पायलट के साथ मंच साझा करते हुए दिखे हैं और यहां से सुखबीर सिंह जौनापुरिया बीजेपी से उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे हैं। यूं कह सकते हैं कि सचिन पायलट के गढ़ में सेंधमारी के लिए प्रधानमंत्री की सभाएं उनके क्षेत्रों में देखने को मिल रही है।

पायलट के गढ़ में सेंधमारी

माना जा रहा था कि दूसरे चरण में प्रधानमंत्री राजस्थान के दौरे पर नहीं आएंगे। मगर जैसे ही पहले फेज में पहले चरण में मतदान का वोटिंग प्रतिशत कम हुआ, स्थिति को बीजेपी भाग गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वापस राजस्थान में सभा करने आना पड़ा। सचिन पायलट के गढ़ में गढ़ को ढहाने की कोशिश की जा रही है। 

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