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Up Kiran, Digital Desk: भारत सरकार ने भगोड़े व्यापारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए बेल्जियम को औपचारिक आश्वासन दिया है कि भारत में उसकी हिरासत अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप होगी। यह आश्वासन गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया, जिसे महाराष्ट्र सरकार और जेल प्रशासन की सलाह से अंतिम रूप दिया गया।
चोकसी को अप्रैल 2025 में बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। वह सीबीआई के एक मामले में वांछित है, जिसमें आईपीसी की कई धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत उस पर मुकदमा चलना है। भारत ने प्रत्यर्पण प्रक्रिया के तहत बताया कि यदि उसे भारत लाया जाता है, तो उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा।
इस बैरक में कम भीड़, मानवाधिकारों के अनुरूप सुविधाएँ, और स्वच्छता व चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध है। कैदी को पर्याप्त व्यक्तिगत स्थान, साफ बिस्तर, पौष्टिक भोजन, व्यायाम, मनोरंजन, योग, ध्यान, और पुस्तकालय जैसी सुविधाएँ मिलेंगी। 24x7 चिकित्सा सुविधा, जेल अस्पताल और आपातकालीन स्थिति में बाहर रेफरल की व्यवस्था भी की गई है।
चोकसी को वकीलों से मिलने, परिवार से संपर्क और टेलीफ़ोन/वीडियो कॉल की सुविधा भी दी जाएगी। बैरक सीसीटीवी निगरानी में है और हिंसा या जबरन वसूली जैसी घटनाओं से मुक्त है।
यह आश्वासन बेल्जियम की अदालत को यह तय करने में मदद करेगा कि चोकसी की भारत में हिरासत यातना या अमानवीय व्यवहार के विरुद्ध यूरोपीय मानवाधिकार संधि के मानकों के अनुरूप है या नहीं। यदि अदालत संतुष्ट हुई तो उसे भारत लाकर मुकदमा चलाया जा सकेगा। चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी हैं।
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