
दिल्ली: सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़ते हुदिल्ली लौटते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्शन में, पहलगाम हमले पर तुरंत लिया सुरक्षा हालात का जायजाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह दिल्ली लौटे और लौटते ही सीधे एक्शन में आ गए। पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की। इसके तुरंत बाद वे सुरक्षा मामलों पर होने वाली कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करने पहुंचे।
26 लोगों की मौत, प्रधानमंत्री ने ली तुरंत ब्रीफिंग
मंगलवार को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई और 13 अन्य घायल हुए। हमले की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री ने सऊदी दौरा रद्द किया और वापस लौटने का फैसला किया। दिल्ली लौटने के बाद उन्होंने एयरपोर्ट पर ही अधिकारियों से हमले की पूरी जानकारी ली और आगे की कार्रवाई को लेकर चर्चा की। यह कदम प्रधानमंत्री की गंभीरता और तत्काल प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
गृहमंत्री अमित शाह का श्रीनगर दौरा
प्रधानमंत्री मोदी के दिल्ली लौटने से पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंच चुके थे। हमले के चंद घंटे बाद ही वे वहां पहुंचे और जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक नलिन प्रभात से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि गृहमंत्री ने हमले की गंभीरता को देखते हुए समग्र सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और निर्देश दिए कि किसी भी कीमत पर ऐसे हमलों को दोहराने से रोका जाए। बैठक में टेरर नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई को और सख्त करने पर ज़ोर दिया गया।
पर्यटकों को बनाया गया निशाना, टूरिस्ट हब में फैली दहशत
हमला कश्मीर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक, बैसरन में हुआ जो पहलगाम से करीब छह किलोमीटर दूर स्थित है। घने जंगलों और सुंदर वादियों के बीच बसे इस स्थान को “मिनी स्विट्जरलैंड” भी कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक, जब पर्यटक टट्टू की सवारी कर रहे थे, खाना खा रहे थे और पिकनिक मना रहे थे, तभी आतंकियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी।
मारे गए लोगों में अधिकांश पर्यटक थे, जो परिवार के साथ छुट्टियां मनाने आए थे। हमला दिन के समय हुआ, जब क्षेत्र में सबसे अधिक भीड़ रहती है, जिससे हताहतों की संख्या और अधिक हो गई।
मुखौटा संगठन TRF ने ली जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहायक संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। अधिकारियों का मानना है कि आतंकी दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग क्षेत्र से होते हुए पहलगाम तक पहुंचे। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हमलावर संभवतः जम्मू के किश्तवाड़ इलाके से आए थे।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को आम लोगों पर हुए सबसे बड़े हमलों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि यह हमला घाटी में सामान्य हो रहे हालात को फिर से अस्थिर करने की साजिश है।
कड़े कदमों की तैयारी
सरकार अब इस घटना को लेकर और भी कठोर कदम उठाने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की त्वरित सक्रियता से यह स्पष्ट है कि अब किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और घुसपैठ के किसी भी प्रयास को विफल किया जाए।
यह हमला न सिर्फ एक सुरक्षा चूक है, बल्कि कश्मीर में स्थिरता की ओर बढ़ते कदमों पर सीधा हमला है। केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया और तेजी से उठाए गए कदम यह संकेत देते हैं कि अब आतंकियों को कड़ा जवाब मिलेगा और घाटी को फिर से सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने की दिशा में पूरा ज़ोर लगाया जाएगा।