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लखनऊ। जिला पंचायत, लखीमपुर खीरी की तरफ से जब पलिया के मकनपुर स्थित अर्थ रिसार्ट (Earth Home) को बिना मानचित्र स्वीकृत कराए निर्माण के सिलसिले में नोटिस भेजा गया तो अर्थ होम (Earth Home) के नाम से फेमस रिसार्ट चर्चा में आ गया। पता चला कि यह रिसार्ट वन विभाग के अफसरों के बच्चों के नाम पर चल रहा है। जिनकी उम्र 30 वर्ष से कम है, जबकि रिसार्ट की लागत करोड़ो रूपयो में है। यह भी सवाल उठें कि निर्माण में लगे इतने पैसे कहां से आएं। इस सिलसिले में कुशीनगर के फॉरेस्ट रेंजर घनश्याम शुक्ला ने बताया कि वह रिसार्ट मेरे बेटे व बहू का है। उससे मेरा कोई लेना देना नहीं है। हालांकि जब-जब बेटे को कुछ जरुरत महसूस हुई तो मैंने मदद की है।

विभागीय जानकारों का कहना है कि 21 अगस्त 2022 को वन विभाग से रिटायर हुए अनिल शाह और घनश्याम शुक्ला रिश्तेदार हैं। उन्हीं की बेटी और बेटों के नाम पर कतरनिया घाट बहराइच, पीलीभीत और दुधवा में रिसार्ट चल रहा है। आपको बता दें कि दोनों अफसरों की ये प्रॉपर्टी जंगल से सटी हुई हैं। न तो इनका कोई नक्शा पास है और न ही कहीं से कोई परमिशन ली गई है। विभाग के आला अफसरों को पूरी जानकारी है, लेकिन अब तक किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया। जाहिर है कि इस मामले की यदि निष्पक्षता से जाँच कराई जाये तो सच सामने आ जाएगा और प्रदेश में इस तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों की कलई भी खुल जाएगी।

विभागीय जानकारों बताते हैं कि दोनों अफसरों ने नियमों को द​रकिनार कर यह तीन बड़े रिसार्ट्स खड़े किए हैं। इन रिसार्ट्स को देखकर आप भी भौचक्के रह जाएंगे। देखा जाए तो इन सभी रिसार्ट्स को बनाने में लगी लागत करोड़ो रुपये से ज्यादा है। ये रिसार्ट्स इन अफसरों ने अपने बेटे और बेटी के नाम पर बनवाए हैं, रिसार्ट्स के निर्माण में कीमती लकड़ियों का यूज हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि सभी सुख सुविधाओं से सम्पन्न आलीशान रिसार्ट्स बनाने के लिए करोड़ो रुपये कहां से आएं?

विभाग में चर्चा है कि यदि इन दोनों रेंजरों की तैनाती से लेकर अब तक का ट्रैक रिकॉर्ड खंगाला जाए तो दुधवा में साल 2012 में हजारों की संख्या में हुए अवैध कटान के तार कहीं न कहीं न कहीं इनसे जुड़ जायेंगे। रिटायर्ड फारेस्ट रेंजर अनिल शाह के एक रिसॉर्ट्स का बाराही पीलीभीत जिले में विस्तार हो रहा है, यह प्रॉपर्टी जंगल से सटी हुई है और इको सेंसटिव ज़ोन में आती है। अनिल शाह ने बाराही रेंज में तैनाती के दौरान बीस एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदी थी। उनके पास कई लग्जरी गाड़ियां हैं।  

जानकार बताते हैं कि रिटायर फॉरेस्ट रेंजर अनिल शाह ने सर्विस के दौरान पीलीभीत, बरेली, लखनऊ, नैनीताल आदि स्थानों पर करोड़ों की अवैध संपत्ति खड़ी की, इनके द्वारा पीलीभीत और दुधवा में बनाए गए रिजॉर्ट्स की लागत करोड़ों में है। दोनों अफसरों ने करोड़ों की ये प्रॉपर्टी बेटे और बेटी के नाम पर बनायीं है। यदि सिर्फ रिसार्ट्स में लगी इमारती लकड़ियों की ही जांच हो जाए तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आ सकती हैं। 

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