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Up Kiran, Digital Desk: रक्षाबंधन का त्योहार सिर्फ रेशमी धागों और उपहारों का ही नहीं, बल्कि प्यार और मिठास का प्रतीक भी है। सदियों से हिंदू संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत मिठाई से होती आई है। ऐसे में जब बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तो मिठाई खिलाना एक स्वाभाविक रिवाज बन जाता है। लेकिन क्या हो जब वह भाई मधुमेह (डायबिटीज़) का मरीज हो?
हर त्योहार की तरह रक्षाबंधन पर भी शुगर पेशेंट्स को मीठे से दूरी बनाए रखनी पड़ती है। जहां एक ओर परिवार मिठाईयों से भरी थाली सजा रहा होता है, वहीं दूसरी ओर डायबिटीज़ से जूझ रहा व्यक्ति खुद को रोकने की कोशिश कर रहा होता है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या रक्षाबंधन की मिठास को स्वास्थ्य के साथ संतुलित किया जा सकता है? जवाब है – हां, बिलकुल!
मीठे का स्वाद भी और सेहत भी, ऐसे मनाएं हेल्दी राखी
रक्षाबंधन को खास बनाने के लिए जरूरी नहीं कि परंपरा निभाने के लिए चीनी से भरी मिठाई ही खाई जाए। थोड़ा सा क्रिएटिव सोच और हेल्दी विकल्प अपनाकर भी त्योहार का मज़ा बरकरार रखा जा सकता है।
1. ड्राय फ्रूट्स: पोषण से भरपूर मिठास
बाजारू मिठाइयों की जगह बादाम, अखरोट, पिस्ता जैसे ड्राय फ्रूट्स को गुनगुना भूनकर, खजूर या गुड़ के साथ मिलाकर सर्व करें। यह स्वाद में भी बेहतरीन होंगे और ब्लड शुगर को बढ़ाए बिना त्योहार की मिठास भी बरकरार रखेंगे।
2. घर पर बनाएं शुगर-फ्री मिठाइयां
ओट्स और खजूर से बने लड्डू, स्टेविया से बनी खीर या फ्रूट चाट ये सभी स्वादिष्ट भी हैं और स्वास्थ्य के लिए भी सुरक्षित। बस ध्यान रखें कि इन्हें सीमित मात्रा में ही खाया जाए।
3. लौकी की बरफी: पारंपरिक स्वाद, नया अंदाज़
लौकी को अच्छे से भूनकर, खजूर के पेस्ट, दूध, इलायची और ड्राय फ्रूट्स के साथ पकाएं और ठंडा होने पर बरफी की शक्ल में काटें। यह मिठाई स्वादिष्ट होने के साथ-साथ रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में भी मददगार होती है।
4. खजूर वाला केक: मीठा भी, सेहतमंद भी
दो पके केले मैश करके उसमें खजूर का पेस्ट और थोड़ा सा मक्खन मिलाएं। अब अलग से रागी का आटा, बेकिंग सोडा और बेकिंग पाउडर छानें और दोनों मिश्रण को मिलाकर 180 डिग्री पर बेक करें। यह केक बिना रिफाइंड शुगर के भी स्वादिष्ट बनता है।
5. डार्क चॉकलेट: मीठे का स्मार्ट विकल्प
डायबिटीज़ से जूझ रहे भाइयों को अगर चॉकलेट का शौक है, तो डार्क चॉकलेट एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि सीमित मात्रा में लेने पर यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को भी बढ़ा सकती है और वज़न नियंत्रण में सहायक होती है।
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