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sexual assault: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 11 नवंबर को रेप व यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे जेडी(एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि रेवन्ना बहुत मशहूर हस्ती हैं। रेवन्ना की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि मामले में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है और प्रारंभिक शिकायत में आईपीसी की धारा 376 नहीं थी।

पीठ ने कहा कि वह कर्नाटक हाई कोर्ट के 21 अक्टूबर के फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था।

रोहतगी ने छह महीने बाद अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता मांगी। हालांकि, पीठ ने कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकती और उनकी याचिका खारिज कर दी।

अगस्त में कर्नाटक की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) जो रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न और उत्पीड़न के चार मामलों की जांच कर रही है, उसने 2,144 पन्नों की चार्जशीट पेश की।

आरोप पत्र एक ऐसे मामले से संबंधित है जिसमें पूर्व विधायक पर एक महिला के साथ बलात्कार करने का इल्जाम है, जो उनके परिवार के लिए घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी। जेडी(एस) नेता के खिलाफ बलात्कार के दो मामले और यौन उत्पीड़न का एक मामला दर्ज है।

प्रज्वल रेवन्ना होलेनरसिपुरा जेडी(एस) विधायक एच डी रेवन्ना के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं।

सुनवाई के दौरान रेवन्ना के दिग्गज वकील मुकुल रोहतगी ने पूछा कि क्या हम 6 महीने बाद फिर से याचिका दायर कर सकते हैं? इस पर जज ने कहा कि हम इस बारे में अभी कुछ नहीं कहेंगे।

 

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