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Up Kiran, Digital Desk: जैसे-जैसे दिवाली नज़दीक आ रही है, दिल्ली और एनसीआर के बाजारों में रौनक बढ़ रही है। मगर इस त्योहार को सही और कानूनी तरीके से मनाने के लिए आपको सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन जरूर पढ़नी चाहिए। एक गलती आपको भारी जुर्माने तक ले जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है इस साल?
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल दिवाली पर ग्रीन पटाखों के सीमित उपयोग की अनुमति दी है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सिर्फ तय समय में ही पटाखे चलाना कानूनन सही होगा। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की बेंच ने ये फैसला लिया और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए "संयमित छूट" की बात कही।
ग्रीन पटाखे क्या होते हैं?
ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं। इन्हें CSIR-NEERI ने डिज़ाइन किया है। इनमें बेरियम, आर्सेनिक और सीसा जैसे जहरीले रसायन नहीं होते। इसके बजाय इनमें ऐसे यौगिक होते हैं जो जलने पर कम धुआं और कम आवाज करते हैं।
कुछ पटाखे जैसे SWAS और SAFAL, जलते समय वॉटर वेपर छोड़ते हैं जिससे धूल दबती है और हवा कम प्रदूषित होती है।
पटाखे कब फोड़ सकते हैं?
दिल्ली में दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली के दिन ही ग्रीन पटाखों को चलाने की इजाजत दी गई है — वो भी सिर्फ इन दो समय स्लॉट में:
सुबह 6 बजे से 7 बजे तक
शाम 8 बजे से 10 बजे तक
अनुमति के बिना इन समयों के बाहर पटाखा चलाना अपराध माना जाएगा।
पटाखे कहां से खरीदें?
आप सिर्फ उन्हीं दुकानों से ग्रीन पटाखे खरीद सकते हैं जिन्हें जिला प्रशासन से लाइसेंस मिला हो। सड़क किनारे अस्थायी स्टॉल से खरीदारी न करें। ऑनलाइन या ई-कॉमर्स वेबसाइट्स से पटाखे मंगवाना पूरी तरह बैन है।