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Up Kiran, Digital Desk: भारत में डिजिटल क्रांति तेजी से आगे बढ़ रही है, और इसका सबसे बड़ा सबूत है राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) द्वारा प्रदान की जा रही ई-सेवाओं की बढ़ती संख्या। हालिया आंकड़ों के अनुसार, इन ई-सेवाओं ने 21,000 का आंकड़ा पार कर लिया है, जो नागरिकों को सरकारी सुविधाओं तक पहुंच को और अधिक सुगम और पारदर्शी बना रहा है।

डिजिटल इंडिया का सपना हो रहा साकार

यह उपलब्धि डिजिटल इंडिया पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं को नागरिकों तक आसानी से पहुंचाना है। अब लोगों को विभिन्न सरकारी कामों के लिए लंबी कतारों में लगने या दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि वे घर बैठे अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर के जरिए इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

कौन सी सेवाएं मिल रही हैं ऑनलाइन?

इन 21,000 से अधिक ई-सेवाओं में कई तरह की सुविधाएं शामिल हैं, जैसे:

नागरिक सेवाएं: जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि।

परिवहन सेवाएं: ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन, वाहन पंजीकरण, परमिट।

बिजली और पानी के बिल का भुगतान: ऑनलाइन बिल जमा करना।

संपत्ति पंजीकरण: भू-राजस्व संबंधित सेवाएं।

पुलिस संबंधित सेवाएं: एफआईआर दर्ज करना, शिकायतें।

सामाजिक कल्याण योजनाएं: पेंशन आवेदन, छात्रवृत्ति।

व्यवसाय संबंधित सेवाएं: लाइसेंस और परमिट के लिए आवेदन।

लाभ और प्रभाव ई-सेवाओं के बढ़ने से न केवल नागरिकों का समय बच रहा है, बल्कि इससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता भी आई है। भ्रष्टाचार में कमी आई है और सेवाओं की डिलीवरी में तेजी आई है। यह नागरिकों को सशक्त बना रहा है और उन्हें सरकारी तंत्र से सीधे जुड़ने का अवसर दे रहा है। यह आंकड़ा भारत के ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता को दर्शाता है और भविष्य में और अधिक डिजिटल प्रगति की उम्मीद जगाता है।

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