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आम आदमी पार्टी (AAP) ने आखिरकार विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक से अलग होने की घोषणा कर दी है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संसद के मानसून सत्र से पहले साफ कर दिया कि अब AAP इस गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
क्यों लिया यह फैसला?
AAP के इस फैसले के पीछे कई बड़े राजनीतिक कारण हैं:
1. पंजाब में कांग्रेस से सीधी टक्कर
AAP पंजाब में सरकार में है, वहीं कांग्रेस भी वहां मज़बूत विपक्ष की भूमिका में है। दोनों पार्टियों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं, ऐसे में AAP नहीं चाहती कि वह कांग्रेस के साथ मंच साझा करे।
2. गुजरात में पार्टी का विस्तार
AAP गुजरात में खुद को भाजपा और कांग्रेस के विकल्प के रूप में पेश करना चाहती है। अगर वह कांग्रेस के साथ गठबंधन में रहती, तो उसका स्वतंत्र चेहरा कमजोर हो जाता।
3. दिल्ली में कमजोर प्रदर्शन
दिल्ली नगर निगम और विधानसभा उपचुनावों में पार्टी के प्रदर्शन ने चिंता बढ़ाई है। अब पार्टी अपने दम पर राजनीति करना चाहती है ताकि उसकी साख बनी रहे।
4. राष्ट्रीय पहचान की कोशिश
AAP खुद को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करना चाहती है। गठबंधन की राजनीति उसकी स्वतंत्र पहचान को सीमित कर सकती है।
आगे की रणनीति
AAP अब देशभर में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी संसद में भी विपक्ष के साथ नहीं, बल्कि स्वतंत्र रूप से अपनी बात रखेगी। इसका असर INDIA ब्लॉक की एकता पर भी पड़ सकता है।
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