Up Kiran, Digital Desk: जैसे-जैसे हमारी उम्र 50 का पड़ाव पार करती है, हमारा शरीर कई बदलावों से गुजरता है। पाचन शक्ति थोड़ी कमजोर होने लगती है, दिल को ज्यादा देखभाल की जरूरत पड़ती है और शरीर को उतनी ही एनर्जी चाहिए होती है, लेकिन उसे पचाने का तरीका बदल जाता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल जो हर घर में उठता है, वो यह है कि "नाश्ते में रोटी खाएं या ओट्स?"
सालों से हमारे घरों में नाश्ते का मतलब गरमागरम रोटी ही रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों में ओट्स ने एक 'सुपरफूड' के तौर पर हमारी रसोई में अपनी जगह बना ली है। दोनों के अपने-अपने फायदे हैं और दोनों को लेकर लोगों के मन में कई भ्रम भी हैं।
रोटी: परंपरा और ताकत का सालों पुराना साथी
गेहूं के आटे से बनी रोटी भारतीय भोजन का एक अहम हिस्सा है। यह सिर्फ पेट नहीं भरती, बल्कि हमारी संस्कृति से भी जुड़ी है। 50 के बाद इसके फायदे कुछ इस तरह हैं:
दिन भर की एनर्जी: रोटी में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होता है, जो धीरे-धीरे पचता है और शरीर को दिन भर के लिए लगातार एनर्जी देता है। इससे अचानक थकान महसूस नहीं होती।
पाचन रखे दुरुस्त: चोकर वाले गेहूं के आटे में भरपूर फाइबर होता है, जो पाचन क्रिया को सुचारू रखने और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल: रोटी में मौजूद फाइबर ब्लड शुगर को एकदम से बढ़ने से रोकता है, जो इस उम्र में एक बड़ी चिंता होती है।
सावधानी: रोटी फायदेमंद है, लेकिन कितनी खानी है, इसका ध्यान रखना जरूरी है। ज्यादा रोटी खाने से कैलोरी बढ़ सकती है। रोटी को हमेशा दाल, सब्जी और दही के साथ खाएं ताकि आपको पूरा पोषण मिले। स्वाद और सेहत को बढ़ाने के लिए आप मल्टीग्रेन या बाजरा-ज्वार जैसे मिलेट्स की रोटी भी ट्राई कर सकते हैं।
ओट्स: दिल का दोस्त और पचाने में आसान
ओट्स को 'हेल्थ का सुपरस्टार' कहा जाए तो गलत नहीं होगा, खासकर 50 पार के लोगों के लिए।
दिल के लिए वरदान: ओट्स में 'बीटा-ग्लूकन' नाम का एक खास तरह का सॉल्युबल फाइबर होता है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करता है। यह गुण ओट्स को दिल का सबसे अच्छा दोस्त बनाता है।
पेट के लिए हल्का: ओट्स पचाने में बहुत आसान होते हैं। जिन लोगों की पाचन शक्ति उम्र के साथ कमजोर हो गई है, उनके लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है। यह पेट को स्वस्थ रखता है।
शुगर लेवल का रखवाला: रोटी की तरह ही ओट्स भी ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में बहुत कारगर है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक शानदार नाश्ता है।
वैरायटी की भरमार: ओट्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इसे कई तरीकों से खा सकते हैं। मीठा दलिया, नमकीन उपमा या मसाला ओट्स, या फिर ओट्स का चीला बनाकर भी इसका स्वाद ले सकते हैं।
तो फैसला क्या है? रोटी या ओट्स?
लड़ाई रोटी बनाम ओट्स की है ही नहीं। सच्चाई तो यह है कि ये दोनों ही आपकी सेहत के लिए बेहतरीन हैं। असली समझदारी इन्हें दुश्मन समझने में नहीं, बल्कि दोस्त बनाकर अपनी डाइट में शामिल करने में है।
आप ऐसा कर सकते हैं कि हफ्ते में कुछ दिन नाश्ते में ओट्स खाएं और बाकी दिन रोटी को शामिल करें। या फिर नाश्ते में हल्का-फुल्का ओट्स का दलिया खा लिया और दोपहर या रात के खाने में एक या दो रोटी सब्जी और दाल के साथ ले ली।

 (1)_1726925751_100x75.jpg)
 (1)_837851864_100x75.jpg)
_604932874_100x75.jpg)
