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Up Kiran, Digital Desk: उप्र के फतेहपुर जिले में एक मजार और मंदिर को लेकर विवाद ने उबाल मचाया हुआ है। भाजपा जिला अध्यक्ष के आह्वान पर सोमवार को एक भारी तादाद में लोग पूजा-अर्चना के लिए एकत्रित हुए। सवेरे लगभग 11:30 बजे, भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़कर विवादित स्थल में प्रवेश किया। इसके बाद दूसरी ओर के लोग भी वहां पहुंचे। आरोप है कि कुछ लोगों ने मजार के बाहर तोड़फोड़ की, हालांकि पुलिस इस आरोप को नकार रही है। पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझाकर अलग किया। सूचना मिलने के बाद, जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) भी मौके पर पहुंचे। फिलहाल, दोनों पक्षों को वहां से हटा दिया गया है, लेकिन लोग अब भी दूर खड़े हैं। स्थिति फिलहाल शांत है, लेकिन भारी पुलिस बल तैनात है और प्रशासन के कई अधिकारी दोनों पक्षों से बात कर रहे हैं।
द्वार पर दो हजार से अधिक लोग, स्थिति तनावपूर्ण
सोमवार की सुबह लगभग चार हजार हिंदू और मुस्लिम लोग विवादित स्थल पर आमने-सामने थे। दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े हुए थे, और पुलिस शांतिपूर्वक इस मामले को सुलझाने के प्रयास में लगी थी। इस दौरान, पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। अधिकारियों की लंबी समझाइश के बाद, लोग उस स्थान को छोड़कर वापस तो गए, लेकिन घर नहीं लौटे, बल्कि एक छोटी दूरी पर खड़े रहे।
भाजपा जिला अध्यक्ष का विवादित स्थल पर पहुंचे और पूजा का आह्वान
भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल ने सोमवार की सुबह मजार स्थल पर पहुंचकर लोगों से पूजा और आरती करने की अपील की थी। उनकी इस अपील के बाद, हिंदू समुदाय के लोग बैरिकेड्स के पास पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। लगभग 11:30 बजे, इन लोगों ने बैरिकेड्स तोड़कर विवादित स्थल में प्रवेश किया। प्रशासन को इस घटनाक्रम का पहले से अंदेशा था, लेकिन बावजूद इसके लोग जुट गए और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस समय तक मजार के आसपास बैरिकेडिंग की जा चुकी थी और पुलिस बल तैनात था, फिर भी भारी भीड़ को संभालने में पुलिस को काफी परेशानी हुई।
मजार या मंदिर? विवाद का नया मोड़
गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को, मठ मंदिर संरक्षण समिति ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपते हुए एक मजार स्थल के सौंदर्यीकरण, नवीनीकरण और विस्तार के लिए आग्रह किया था। समिति ने इसे ठाकुरद्वारा मंदिर मानते हुए इसके संरक्षण का प्रस्ताव रखा था। ज्ञापन में भाजपा के कई प्रमुख नेता भी शामिल थे। इसके बाद, समिति ने सोमवार को लोगों से आग्रह किया कि वे अबुनगर डाक बंगला पर एकत्रित हों और मजार स्थल तक पहुंचे।
दूसरी ओर, 9 अगस्त को राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के महासचिव तौला अमीर ने जिलाधिकारी को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने बताया कि जिस स्थान को समिति मंदिर मान रही है, वह रिकॉर्ड्स में 'मकबरा मंगी' के रूप में दर्ज है और इस स्थल का आधिकारिक मुतवल्ली मोहम्मद अनीश है।
भाजपा जिला अध्यक्ष का बयान - यह मजार नहीं, मंदिर है
रविवार को भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल ने एक वीडियो बयान जारी किया था और लोगों से सोमवार सुबह वहां पहुंचने की अपील की थी। उन्होंने इस दौरान यह दावा किया कि यह स्थल कोई मजार नहीं, बल्कि एक मंदिर है। उनका कहना था कि इमारत की दीवारों पर कमल का फूल, त्रिशूल जैसे चिह्न बनाए गए हैं। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के नेताओं ने भी इस अपील का समर्थन करते हुए लोगों से वहां जुटने का आह्वान किया था।
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