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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), जिसे लोग गरीबों के लिए घर बनाने वाली एक साधारण सरकारी योजना समझते हैं, वह असल में देश के करोड़ों लोगों के लिए 'धन बनाने वाली मशीन' साबित हो रही है। यह सनसनीखेज खुलासा भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा जारी की गई एक ताजा रिसर्च रिपोर्ट में हुआ है।

एसबीआई की इस रिपोर्ट के मुताबिक, PMAY सिर्फ लोगों को छत ही नहीं दे रही, बल्कि यह एक "चेंज एजेंट" के रूप में काम कर रही है, जिससे गरीबों के बीच एक असाधारण "वेल्थ इफेक्ट" (धन का प्रभाव) देखने को मिल रहा है।

कैसे बना रही है यह योजना गरीबों को अमीर?

रिपोर्ट बताती है कि यह योजना ग्रामीण भारत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। PMAY (ग्रामीण) के तहत जब किसी परिवार को घर बनाने के लिए सरकारी मदद मिलती है, तो वे अपनी तरफ से भी कुछ पैसा लगाते हैं। इससे उनकी आय और बचत करने की आदत, दोनों में भारी सुधार देखा गया है।

70,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बनी: रिपोर्ट का सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा यह है कि इस योजना के तहत घर पाने वाले लगभग 3 करोड़ परिवारों ने मिलकर कम से कम 70,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त संपत्ति बनाई है। यह वो पैसा है जो शायद बिना घर के कभी इकट्ठा ही नहीं हो पाता।

अन्य योजनाओं से दोगुना असरदार: SBI की स्टडी में यह भी पाया गया कि PMAY योजना, पुरानी इंदिरा आवास योजना (IAY) की तुलना में कहीं ज्यादा प्रभावी है। IAY के तहत घर बनाने की दर 0.55 थी, जबकि PMAY में यह बढ़कर 1.05 हो गई, जो लगभग दोगुना है।

बढ़ गई लोगों की आमदनी: सबसे दिलचस्प बात यह है कि जिन परिवारों ने घर बनाने के लिए बैंक से अतिरिक्त लोन लिया, उनकी आय में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में ऐसे परिवारों की औसत आय ₹1 लाख थी, जो 2024 तक बढ़कर ₹2.2 लाख हो गई।

यह रिपोर्ट साबित करती है कि PMAY सिर्फ एक सोशल वेलफेयर स्कीम नहीं है, बल्कि यह एक आर्थिक क्रांति की तरह काम कर रही है। जब किसी गरीब को एक पक्की छत मिलती है, तो वह सिर्फ बारिश और धूप से नहीं बचता, बल्कि उसका आत्मविश्वास बढ़ता है, वह बेहतर ढंग से बचत कर पाता है और अपने भविष्य के लिए बड़े सपने देखने की हिम्मत जुटाता है। यह योजना इस बात का सटीक उदाहरण है कि कैसे एक सही सरकारी पहल करोड़ों लोगों की तकदीर बदल सकती है।