
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम 2020-21 की पहली सीरीज के निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। RBI ने हाल ही में जारी एक नोटिफिकेशन में बताया कि इस सीरीज के तहत जारी गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन 28 अप्रैल 2025 को किया जाएगा।
इस रिडेम्प्शन के लिए प्रति यूनिट कीमत 9,600 रुपये तय की गई है। गौरतलब है कि इस स्कीम के तहत गोल्ड बॉन्ड यूनिट्स 28 अप्रैल 2020 को जारी किए गए थे।
SGB स्कीम की मैच्योरिटी और प्रीमैच्योर एग्जिट का नियम
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की सामान्य मैच्योरिटी अवधि 8 साल होती है। हालांकि, निवेशक चाहें तो 5 साल के बाद प्रीमैच्योर एग्जिट का विकल्प चुन सकते हैं।
लॉक-इन पीरियड: 5 साल
प्रीमैच्योर एग्जिट की शर्त: केवल ब्याज भुगतान की तारीख पर ही निकासी संभव है।
यानी, 5 साल पूरे होने के बाद हर ब्याज भुगतान तिथि पर निवेशक अपने गोल्ड बॉन्ड्स को रिडीम कर सकते हैं। अब 28 अप्रैल 2025 को पहली बार इस सीरीज के निवेशकों को एग्जिट का मौका मिल रहा है।
RBI के नोटिफिकेशन का मुख्य अंश
RBI ने अपने आधिकारिक नोटिफिकेशन में लिखा:
"भारत सरकार के नोटिफिकेशन F. No. 4(4)-B(W&M)/2020 दिनांक 13 अप्रैल 2020 के अनुसार, गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्पशन जारी होने की तारीख से 5वें साल के बाद ब्याज भुगतान की तारीख पर किया जा सकता है। तदनुसार, SGB 2020-21 सीरीज I का अगला प्रीमैच्योर रिडेम्पशन 28 अप्रैल 2025 को निर्धारित है।"
यह घोषणा उन निवेशकों के लिए राहत भरी है जो 5 साल पूरे होने के बाद अपने निवेश को कैश करना चाहते हैं।
कैसे तय होती है रिडेम्पशन प्राइस?
रिडेम्पशन प्राइस का निर्धारण एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाता है:
SGB की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने के पिछले तीन कारोबारी दिनों के बंद भाव के औसत के आधार पर तय होती है।
यह भाव इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा प्रकाशित किए जाते हैं।
इस बार 23, 24 और 25 अप्रैल 2025 के सोने के बंद भाव के औसत के आधार पर 9600 रुपये प्रति यूनिट की कीमत तय हुई है।
गोल्ड बॉन्ड स्कीम: सुरक्षित निवेश का विकल्प
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम उन निवेशकों के लिए आदर्श है जो:
सोने में निवेश करना चाहते हैं लेकिन भौतिक रूप से सोना रखना नहीं चाहते।
बेहतर रिटर्न के साथ-साथ पूंजी सुरक्षा चाहते हैं।
टैक्स बेनिफिट का फायदा उठाना चाहते हैं (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में छूट)।
SGB निवेशकों को हर साल ब्याज भी मिलता है, जो सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर होता है।
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