Up Kiran, Digital Desk: नवरात्रि के नौ दिनों का उपवास आस्था और भक्ति के साथ-साथ शरीर को डिटॉक्स करने का भी एक बेहतरीन अवसर होता है। जब भी व्रत के खाने की बात आती है, तो सबसे पहला नाम जो दिमाग में आता है, वह साबूदाना। साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना वड़ा...यकीनन ये स्वादिष्ट लगते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि साबूदाना खाने के बाद अक्सर भारीपन और नींद क्यों आती है? इसका कारण साबूदाने में मौजूद हाई-कार्ब्स और स्टार्च, जो तुरंत ऊर्जा तो देता है, लेकिन पोषण के मामले में थोड़ा पीछे रह जाता है और पाचन में भारी हो सकता है।
अगर आप इस नवरात्रि अपने व्रत के भोजन को हल्का, ऊर्जावान और कहीं अधिक पौष्टिक बनाना चाहते हैं, तो साबूदाने से आगे देखने का समय आ गया है। प्रकृति ने हमें व्रत के लिए कई ऐसे 'सुपरफूड्स' दिए हैं जो न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि पोषण का खजाना भी हैं।
तो चलिए, जानते हैं साबूदाने के 5 बेहतरीन विकल्पों के बारे में, जिन्हें खाकर आप दिन भर एक्टिव और तरोताजा महसूस करेंगे।
1. राजगिरा (Amaranth) - प्रोटीन का पावरहाउस
राजगिरा व्रत के दौरान खाए जाने वाले सबसे पौष्टिक अनाजों में से एक है। यह उन कुछ पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों में से एक है जिसमें संपूर्ण प्रोटीन होता है, यानी इसमें सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं।
क्यों है बेहतर?: यह ग्लूटेन-फ्री है, फाइबर से भरपूर है और कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे खनिजों का एक बड़ा स्रोत है। यह हड्डियों के लिए बहुत अच्छा है और आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है।
कैसे खाएं?: आप राजगिरा के आटे की रोटी या पूड़ी, स्वादिष्ट खीर या लड्डू बना सकते हैं। इसका दलिया भी एक बेहतरीन नाश्ते का विकल्प है।
2. कुट्टू (Buckwheat) - डायबिटीज वालों का दोस्त
कुट्टू का आटा नवरात्रि का एक और पारंपरिक हिस्सा है, और यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह वास्तव में अनाज नहीं, बल्कि एक फल का बीज है।
क्यों है बेहतर?: यह फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो इसे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए बहुत अच्छा बनाता है।
कैसे खाएं?: कुट्टू के आटे की पूड़ी, पकौड़े या चीला बनाएं। आलू के साथ मिलाकर इसकी टिक्की भी बहुत स्वादिष्ट बनती है।
3. सिंघाड़े का आटा (Water Chestnut Flour) - शरीर को दे ठंडक
सिंघाड़ा पानी में उगने वाला एक फल है और इसके आटे का प्रयोग व्रत में खूब किया जाता है।
क्यों है बेहतर?: यह ग्लूटेन-फ्री है, कैलोरी में कम है, और पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है। इसकी तासीर ठंडी होती है, जो व्रत के दौरान शरीर को ठंडक पहुंचाने में मदद करती है।
कैसे खाएं?: सिंघाड़े के आटे की रोटी, पूड़ी या स्वादिष्ट हलवा बनाया जा सकता है। यह डोसा बनाने के लिए भी एक बढ़िया विकल्प है।
4. समा के चावल (Barnyard Millet) - तुरंत ऊर्जा का स्रोत
समा के चावल, जिन्हें 'व्रत के चावल' भी कहा जाता है, पोषक तत्वों से भरपूर एक छोटा मोटा अनाज है।
क्यों है बेहतर?: यह कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट का एक बड़ा स्रोत है, जो शरीर को धीरे-धीरे और लगातार ऊर्जा प्रदान करता है। यह फाइबर में उच्च और ग्लूटेन-मुक्त होता है। इसका स्वाद टूटे हुए चावल जैसा होता है और यह पेट के लिए बहुत हल्का होता है।
कैसे खाएं?: इसकी पौष्टिक खिचड़ी, खीर, पुलाव बनाएं। आप इसे पीसकर इडली या डोसा का बैटर भी तैयार कर सकते हैं।
5. मखाना (Fox Nuts) - हल्का-फुल्का सुपर-स्नैक
मखाना व्रत के दौरान खाने के लिए एक आदर्श स्नैक है। यह कमल के बीज होते हैं और पोषण से भरे होते हैं।
क्यों है बेहतर?: यह कैलोरी और फैट में बहुत कम होता है, जबकि प्रोटीन, मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर होता है। यह दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
कैसे खाएं?: बस एक चम्मच घी में हल्का सा भूनकर और सेंधा नमक डालकर खाएं। आप इसकी खीर बना सकते हैं या इसे सब्जियों की ग्रेवी में भी डाल सकते हैं।
तो, इस नवरात्रि, पारंपरिक साबूदाने से एक ब्रेक लें और इन पौष्टिक और हल्के विकल्पों को अपने व्रत के भोजन में शामिल करें। यह न केवल आपके स्वाद को एक नया अनुभव देगा, बल्कि आपको पूरे नौ दिनों तक स्वस्थ, ऊर्जावान और हल्का भी बनाए रखेगा!
_1169554938_100x75.png)


_1091629690_100x75.png)
