
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में गंगा नदी के किनारे उस समय कौतूहल फैल गया, जब स्थानीय लोगों को पानी में तैरता हुआ एक पत्थर दिखाई दिया। यह असामान्य नज़ारा देख ग्रामीणों ने पहले तो इसे चमत्कार माना और फिर पूजा शुरू कर दी। अब यह पत्थर चर्चा का केंद्र बन गया है, जिसे देखने के लिए आसपास के गांवों से लोग उमड़ पड़े हैं।
घटना गाजीपुर के महेरू गांव के पास की बताई जा रही है, जहां गंगा घाट पर नहाते समय कुछ युवकों ने पानी की सतह पर तैरते हुए इस पत्थर को देखा। curiosity के चलते उसे बाहर निकाला गया और जब वह जमीन पर भी हल्का महसूस हुआ, तो लोगों ने इसे "रामसेतु शिला" बताना शुरू कर दिया।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह पत्थर रामायण कालीन है और श्रीराम के समुद्र पर बनाए गए सेतु का हिस्सा हो सकता है। इसके बाद मौके पर पूजा-पाठ शुरू हो गया। लोगों ने फूल, नारियल और दीप जलाकर इसे धार्मिक स्थल जैसा बना दिया।
वहीं दूसरी ओर, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का कहना है कि तैरने वाले पत्थर प्यूमाइस (Pumice) नामक ज्वालामुखीय चट्टान हो सकते हैं, जिनमें गैस के बुलबुले भरे होते हैं और ये बहुत हल्के होते हैं, इसलिए पानी में तैरते हैं।
फिलहाल जिला प्रशासन और भूवैज्ञानिक विभाग की टीम ने पत्थर को जांच के लिए अपने कब्जे में ले लिया है। जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह पत्थर धार्मिक चमत्कार है या कोई प्राकृतिक घटना।
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