
Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) की अनुशासनात्मक समिति ने वारंगल में पार्टी के भीतर चल रहे गुटीय संघर्ष को गंभीरता से लिया है। हाल ही में वारंगल में आयोजित एक 'हाथ से हाथ जोड़ो' पदयात्रा के दौरान दो गुटों के बीच हाथापाई और सार्वजनिक रूप से हुए झगड़े ने पार्टी की छवि को धूमिल किया है, जिसके बाद समिति ने इसे शांत करने के लिए सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है।
क्या है मामला?
यह घटना 12 जून को हुई थी, जब वारंगल में पार्टी की एक महत्वपूर्ण पदयात्रा चल रही थी। इसी दौरान, पूर्व मंत्री कोंडा सुरेखा और पूर्व विधायक एर्राबेली दयाकर राव के समर्थक आपस में भिड़ गए। यह विवाद सार्वजनिक रूप से हुआ और इसने मीडिया का ध्यान खींचा, जिससे पार्टी के नेतृत्व को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
समिति का रुख:
PCC अनुशासनात्मक समिति के अध्यक्ष ए. रामुलु नायक ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने वारंगल जिला कांग्रेस अध्यक्ष को घटना से संबंधित पूरी रिपोर्ट और वीडियो फुटेज भेजने का निर्देश दिया है। समिति के अध्यक्ष ने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
कांग्रेस के लिए चुनौती:
यह घटना तेलंगाना में आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती है। पार्टी एक तरफ सत्तारूढ़ बीआरएस से मुकाबला कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उसे अपने भीतर के कलह से भी निपटना पड़ रहा है। ऐसे गुटीय संघर्ष पार्टी की एकता और चुनावी संभावनाओं को कमजोर करते हैं। पार्टी नेतृत्व को इन आंतरिक विवादों को सुलझाने और सभी गुटों को एकजुट रखने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।
तेलंगाना कांग्रेस नेतृत्व को इस बात का एहसास है कि आंतरिक कलह से पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचता है। इसलिए, अनुशासनात्मक समिति का यह कदम पार्टी में अनुशासन बनाए रखने और एकजुटता का संदेश देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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