
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आंध्र प्रदेश में अपने नेतृत्व में बदलाव की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सोमू वीरराजू को बदलने की संभावना है और पार्टी एक नए चेहरे की तलाश में है जो राज्य में भाजपा को मजबूत कर सके।
बताया जा रहा है कि 2024 के चुनावों में पार्टी के संभावित कमजोर प्रदर्शन और जन सेना (Jana Sena) के साथ अपेक्षित समन्वय की कमी के कारण यह बदलाव आवश्यक माना जा रहा है। भाजपा आलाकमान (केंद्रीय नेतृत्व) आंध्र प्रदेश में पार्टी की स्थिति को लेकर चिंतित है, जहां वर्तमान में भाजपा का कोई भी विधायक या सांसद नहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कई प्रमुख नामों पर विचार किया जा रहा है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर, राष्ट्रीय प्रवक्ता वाई.एस. विष्णुवर्धन रेड्डी, पूर्व केंद्रीय मंत्री वाई.एस. चौधरी (सुजाना चौधरी), पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सत्य कुमार और राज्यसभा सांसद सी.एम. रमेश प्रमुख दावेदार हैं। इन सभी नेताओं का अपना-अपना अनुभव और राज्य की राजनीति में प्रभाव है।
पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व ही अंतिम निर्णय लेगा। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हैदराबाद दौरे के दौरान भी आंध्र प्रदेश में पार्टी के भविष्य और नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर गहन चर्चा हुई होगी।
नए अध्यक्ष के सामने कई चुनौतियां होंगी। उन्हें राज्य में पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करना होगा, जन सेना के साथ गठबंधन को सुचारू बनाना होगा और आने वाले चुनावों में भाजपा की वोट हिस्सेदारी बढ़ानी होगी। पार्टी जन सेना के साथ गठबंधन में है और यह भी उम्मीद है कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) भी भविष्य में इस गठबंधन में शामिल हो सकती है। नए अध्यक्ष को इस संभावित विस्तृत गठबंधन को प्रभावी ढंग से संभालना होगा।
पार्टी के भीतर और बाहर सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि केंद्रीय नेतृत्व किसे आंध्र प्रदेश में भाजपा की कमान सौंपता है। जल्द ही इस संबंध में आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है।
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