
Up Kiran, Digital Desk: झारखंड की राजधानी रांची में स्थित रांगरोडी धाम, विशेष रूप से कालसर्प दोष से पीड़ित लोगों के लिए आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तो कालसर्प दोष उत्पन्न होता है, जिससे जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएं और कष्ट आ सकते हैं।
इस दोष के निवारण के लिए देशभर के कई मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, और रांगरोडी धाम को ऐसे ही एक प्रभावी स्थल के रूप में देखा जाता है।
रांगरोडी धाम में भक्त महादेव की विशेष पूजा-अर्चना कर कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने की कामना करते हैं। यहां की मान्यता है कि भगवान शिव की आराधना और रुद्राभिषेक से कालसर्प दोष का प्रभाव शांत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
जिन लोगों को अपनी कुंडली में इस दोष की आशंका होती है या वे इसके कष्टों से गुजर रहे होते हैं, वे रांगरोडी धाम में आकर विशेष अनुष्ठान कराते हैं। माना जाता है कि इस धाम की सकारात्मक ऊर्जा और शिव की कृपा से कालसर्प दोष का निवारण संभव है, जिससे व्यक्ति के जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और उसे शांति मिलती है।
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