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Up Kiran, Digital Desk: किडनी हमारे शरीर का वह नाज़ुक प्रहरी है जो खून को साफ रखता है और अतिरिक्त पानी व अपशिष्ट बाहर निकालता है। लेकिन जब यह अंग धीमा पड़ने लगता है तो शरीर कई संकेत देने लगता है। खास बात यह है कि शुरुआती चेतावनी अकसर पैरों में दिखती है जिन्हें लोग हल्के में ले लेते हैं। यही लापरवाही बाद में गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है। किडनी रोग को अक्सर साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि शुरुआती संकेत इतने मामूली होते हैं कि वे आसानी से अनदेखे रह जाते हैं।

पैरों और टखनों में अचानक आई सूजन सबसे स्पष्ट लक्षणों में से एक है। जब किडनी तरल और सोडियम को बाहर नहीं निकाल पाती तो यह शरीर में जमा होकर एडिमा यानी सूजन पैदा करता है। इसके अलावा पैरों और उंगलियों का रंग बदलना भी खतरे की घंटी है। पीलापन या गहरे धब्बे ब्लड फ्लो में गड़बड़ी और विषैले तत्वों के जमाव का नतीजा हो सकते हैं।

नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है खराब किडनी

झुनझुनी और सुन्नपन भी नजरअंदाज करने लायक नहीं है। खराब किडनी नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है जिससे पैरों में अजीब सी सनसनाहट होती है। इसी तरह बिना किसी खुजली की वजह के पैरों या टांगों में लगातार खुजली होना भी बीमारी का संकेत है। यह समस्या शरीर में फॉस्फोरस और अन्य तत्वों के असामान्य स्तर से जुड़ी होती है।

रात में पिंडलियों की ऐंठन भी इसी श्रेणी में आती है। जब किडनी कैल्शियम मैग्नीशियम और फॉस्फोरस का संतुलन बनाए रखने में असफल रहती है तो यह दर्दनाक क्रैम्प का कारण बनती है।