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Up Kiran , Digital Desk: पवित्र यमुनोत्री धाम की यात्रा पर निकली एक और श्रद्धालु की अचानक मौत से हड़कंप मच गया है। गुजरात की 59 वर्षीय किरनबेन जो अपने परिवार के साथ तीर्थ यात्रा पर थीं धाम से लौटते समय खरादी कस्बे में ठहरने के दौरान दम तोड़ बैठीं। यह दुखद घटना केवल एक व्यक्तिगत क्षति नहीं बल्कि एक व्यापक चिंता का संकेत देती है — क्या हम तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की तैयारी को गंभीरता से ले रहे हैं?
क्या हुआ था उस सुबह
किरन बेन बीते दिन यमुनोत्री धाम के दर्शन कर लौटी थीं। खरादी कस्बे में रात रुकने के बाद सवेरे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने तुरंत उन्हें बड़कोट अस्पताल पहुंचाया मगर तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
स्थानीय थाना प्रभारी एसओ दीपक कठैत ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पिछले 15 दिनों में यह यमुनोत्री यात्रा के दौरान चौथी मौत है। इससे पहले भी तीव्र ठंड ऊँचाई पर ऑक्सीजन की कमी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण कई भक्त असमय दम तोड़ चुके हैं।
क्यों बढ़ रही हैं तीर्थ यात्राओं के दौरान मौतें
यमुनोत्री जैसे ऊँचाई वाले धार्मिक स्थल पर हर साल लाखों श्रद्धालु पहुँचते हैं। मगर बदलते मौसम कठिन चढ़ाई और कभी-कभी पर्याप्त मेडिकल सुविधाओं की कमी यात्रियों की जान पर बन आती है। उम्रदराज़ श्रद्धालु अधिक जोखिम में होते हैं। हृदय श्वसन या उच्च रक्तचाप के रोगी बिना जांच यात्रा शुरू कर देते हैं। कई लोग थकान और ऊँचाई की बीमारी (Altitude Sickness) को हल्के में ले लेते हैं।
क्या तैयार हैं हम
उत्तराखंड सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए हेल्थ कैंप्स हेलीकॉप्टर सेवाएं और रूट मैप जारी करती है मगर हर साल कुछ घटनाएँ यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या ये व्यवस्थाएं जमीनी हकीकत में भी प्रभावी हैं।
इस बार की चार मौतें सिर्फ आँकड़े नहीं हैं ये एक संकेत हैं — हमें तीर्थ को “सिर्फ आध्यात्मिक अनुभव” नहीं बल्कि “सावधानीपूर्वक नियोजित यात्रा” मानना होगा।
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