Up kiran,Digital Desk : झारखंड के एक बड़े IAS अफसर विनय कुमार चौबे पर लगे आरोप इतने संगीन हैं कि सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। जांच में पता चला है कि उन्हें शराब सिंडिकेट से पूरे पांच करोड़ रुपये मिले थे। बात यहीं खत्म नहीं होती, साहब ने खुद यह मान लिया है कि उनके पैसों का सारा लेन-देन एक दूसरा कारोबारी, विनय कुमार सिंह देखता था।
जांच एजेंसी ACB के मुताबिक, इन दोनों के बीच गहरी सांठगांठ थी और अफसर के कहने पर ही पैसों को इधर-उधर घुमाया जाता था।
पत्नी-साले की कंपनी में लगाए करोड़ों, ससुर के नाम पर खरीदी जमीन
- पत्नी के खाते में 73 लाख: अफसर की पत्नी के खाते में एक और कंपनी से करीब 73 लाख रुपये भेजे गए। जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वो एक पढ़ी-लिखी महिला हैं और उन्होंने कंपनी को सलाह दी थी, जिसके बदले ये फीस मिली है। लेकिन जांच एजेंसी को शक है कि यह भी घोटाले के पैसे को सफेद करने का एक तरीका है।
- ससुर जी बने करोड़पति: घूस के पैसों से अशोक नगर जैसे पॉश इलाके में ससुर एसएन त्रिवेदी के नाम पर एक बड़ी जमीन खरीदी गई। यह जमीन 28 जुलाई 2021 को खरीदी गई, जिसके लिए करीब 3 करोड़ रुपये चुकाए गए। और ये पैसे कहां से आए? IAS साहब और उनकी पत्नी के बैंक खातों से।
सबूत मिटाने की पूरी कोशिश
जब घोटाले की परतें खुलने लगीं, तो सबूत मिटाने की भी पूरी कोशिश की गई। कारोबारी विनय कुमार सिंह के शोरूम से जो कंप्यूटर जब्त हुए, उनमें से सारा जरूरी डेटा डिलीट कर दिया गया था। यही नहीं, जमीन से जुड़े असली सरकारी दस्तावेज भी गायब कर दिए गए।
जांच में यह भी सामने आया है कि IAS विनय कुमार चौबे ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए एक जूनियर महिला अधिकारी (अंचलाधिकारी) पर दबाव बनाया और उन्हें कारोबारी विनय सिंह के पक्ष में जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) करने पर मजबूर किया।
अब जांच एजेंसी अफसर और उनके परिवार के विदेश दौरों और महंगे शौकों की भी जांच कर रही है, ताकि पता चल सके कि इस घोटाले की जड़ें और कितनी गहरी हैं।
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