img

Up kiran,Digital Desk : लखनऊ में एक प्रेम कहानी का ऐसा खौफनाक अंत हुआ है, जिसे सुनकर हर कोई सन्न है. 10 साल तक चले एक रिश्ते का अंजाम एक इंजीनियर की बेरहमी से हत्या के रूप में सामने आया. आरोप उसी महिला पर है जिसके लिए उस इंजीनियर ने अपना परिवार तक छोड़ दिया था. हत्या के बाद आरोपी महिला और उसकी दो बेटियां करीब पांच घंटे तक लाश के साथ एक ही घर में बैठी रहीं, और फिर खुद ही पुलिस को फोन कर अपना गुनाह कबूल कर लिया.

कैसे शुरू हुई ये खूनी प्रेम कहानी?

यह कहानी करीब 10 साल पहले शुरू हुई थी. 22 साल का नौजवान इंजीनियर सूर्य प्रताप सिंह, जनगणना विभाग में काम करने वाले राजेंद्र की दो बेटियों को ट्यूशन पढ़ाने उनके घर जाता था. वहीं उसकी मुलाकात राजेंद्र की पत्नी रत्ना से हुई. धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं. करीब पांच साल पहले, बीमारी के चलते रत्ना के पति राजेंद्र की मौत हो गई. इसके बाद रत्ना और सूर्य प्रताप का रिश्ता और गहरा हो गया.

परिवार को जब इस रिश्ते की भनक लगी, तो उन्होंने इसका पुरजोर विरोध किया. लेकिन सूर्य प्रताप पर प्यार का जुनून इस कदर सवार था कि उसने अपने परिवार की एक न सुनी और रत्ना के साथ ही लिव-इन में रहने लगा.

उस रात आखिर ऐसा क्या हुआ?

पुलिस के मुताबिक, रविवार की रात सूर्य प्रताप और रत्ना के बीच किसी बात को लेकर जमकर झगड़ा हुआ. बात इतनी बढ़ गई कि भोर में करीब पांच बजे, रत्ना ने किचन में रखे चाकू से सूर्य प्रताप का गला रेत दिया. उस वक्त घर में रत्ना की 17 और 15 साल की दो बेटियां भी मौजूद थीं.

सबसे chilling बात यह है कि हत्या को अंजाम देने के बाद रत्ना और उसकी दोनों बेटियां कहीं भागी नहीं. वे सुबह पौने दस बजे तक, यानी करीब पांच घंटे तक सूर्य प्रताप की लाश के साथ उसी घर में बैठी रहीं. फिर रत्ना ने खुद ही पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया और कहा, "मैंने अपने प्रेमी की हत्या कर दी है."

क्या शादी की बात बनी मौत की वजह?

सूर्य प्रताप के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. उनके पिता नरेंद्र सिंह ने बताया कि वे अपने इकलौते बेटे की शादी करवाना चाहते थे और कुछ जगह बात भी चल रही थी. रविवार शाम को ही उनकी बेटे से आखिरी बार बात हुई थी, तब सब कुछ ठीक था. सुबह पुलिस का फोन आया और उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.

माना जा रहा है कि सूर्य प्रताप की शादी की बात सुनकर रत्ना को अपना रिश्ता टूटने का डर सताने लगा था. उसे लगा कि सूर्य प्रताप उसे छोड़कर चला जाएगा. शायद इसी गुस्से और असुरक्षा ने उसे इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया.

एक मां का सपना जो टूट गया

सूर्य प्रताप तीन बहनों का इकलौता भाई था. उसकी मां ऊषा बेटे की हत्या की खबर सुनकर बेसुध हो गईं. रोते हुए वह बस यही कहती रहीं, "मैं अपने बेटे को दूल्हा बनते देखना चाहती थी, अब उसकी अर्थी देखनी पड़ रही है." एक हंसता-खेलता परिवार एक "गलत रिश्ते" की भेंट चढ़ गया.

पुलिस ने आरोपी महिला रत्ना और उसकी दोनों बेटियों को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है