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इंसान का समय कभी एक जैसा नहीं रहता। कभी वह ऊंचाइयों पर होता है, तो कभी निचाइयों पर। पुणे के एक Zomato डिलीवरी एजेंट की कहानी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है। एक समय वह ₹1.25 लाख महीने की सैलरी पाने वाले कॉर्पोरेट जॉब में थे, लेकिन एक कार दुर्घटना ने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी।

कैसे बदली जिंदगी की दिशा?

दुर्घटना के बाद उनकी सेहत इतनी बिगड़ी कि वह अपनी पुरानी जॉब जारी नहीं रख पाए। परिवार की जिम्मेदारियों को देखते हुए उन्होंने Zomato में फूड डिलीवरी एजेंट की नौकरी शुरू की। इस पेशे में वह महीने में ₹20,000 तक कमा रहे हैं। हालांकि, यह उनकी पुरानी सैलरी से बहुत कम है, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार किया और मेहनत से काम करना जारी रखा।

संघर्ष और उम्मीद की कहानी

एक दिन, एक ग्राहक ने उन्हें बताया कि उनके ऑर्डर में कुछ आइटम मिसिंग हैं। डिलीवरी एजेंट ने ईमानदारी से बताया कि वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं और ग्राहक को रेस्टोरेंट या प्लेटफॉर्म से संपर्क करने की सलाह दी। इस ईमानदारी और मेहनत ने ग्राहक को प्रभावित किया, और उसने सोशल मीडिया पर उनकी कहानी साझा की, जो वायरल हो गई।

क्या सिखाती है यह कहानी?

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर इरादा मजबूत हो तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती। इस डिलीवरी एजेंट ने अपनी मेहनत और ईमानदारी से यह साबित किया कि हालात बदल सकते हैं, लेकिन संघर्ष और उम्मीद कभी नहीं छोड़नी चाहिए।
 

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